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बिहार को मिला न्यूक्लियर पावर प्लांट, मोदी सरकार की मंजूरी

03:06 PM Jun 25, 2025 IST | Ashish bhardwaj

बिहार की बिजली जरूरतों को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने बिहार में पहले न्यूक्लियर पावर प्लांट को मंजूरी दे दी है। ये फैसला विधानसभा चुनावों से पहले आया है और इसे राज्य के लिए बड़ी ऊर्जा सौगात माना जा रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि बिहार में Small Modular Reactor (SMR) तकनीक पर आधारित परमाणु संयंत्र लगाया जाएगा, जो न सिर्फ आधुनिक होगा, बल्कि ज्यादा सुरक्षित और कम लागत वाला भी होगा। यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र केंद्र की न्यूक्लियर एनर्जी मिशन योजना के तहत बनेगा, जिसे केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित किया गया था। इस योजना का मकसद है कि देश के हर राज्य में एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाया जाए ताकि ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो सके। खट्टर ने कहा, “बिहार सरकार ने न्यूक्लियर प्लांट की मांग की थी और केंद्र सरकार पूरी मदद को तैयार है।”

बिहार लंबे समय से बिजली संकट और कमजोर बुनियादी ढांचे से जूझता रहा है। ऐसे में यह प्लांट राज्य के लिए बदलाव की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसके साथ ही केंद्र ने बिहार में 1,000 मेगावॉट की बैटरी स्टोरेज परियोजना को भी मंजूरी दी है, जो ग्रीन एनर्जी को सपोर्ट करेगी और ग्रिड को स्थिर बनाएगी। इस पर सरकार हर मेगावॉट के लिए 18 लाख रुपये की सहायता देगी। बैठक में बिहार सहित पूर्वी भारत के कई राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों ने भाग लिया। इस मौके पर मंत्री खट्टर ने कहा कि भारत के लिए 2035 तक की पावर विजन तैयार की गई है, जिसमें थर्मल, सोलर, विंड, स्टोरेज और न्यूक्लियर—सभी को शामिल किया गया है।

बिहार में अब तक 8 मिलियन स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, और बिजली क्षेत्र में तकनीकी नुकसान में भारी गिरावट आई है। केंद्र सरकार ने इन सुधारों की तारीफ करते हुए बिहार को अगले 6 महीने के लिए 500 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली देने की भी घोषणा की है। बिहार अब न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश के ऊर्जा नक्शे पर एक नई पहचान बनाएगा।

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