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चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर पॉलीटिकल वॉर…राठौड़ ने चूरू क्यों छोड़ा? क्या कहती है नाथी बाई

Rajasthan Election 2023 : भाजपा-कांग्रेस के साथ ही अन्य पार्टियां और निर्दलीय के रूप में ताल ठोकने को तैयार प्रत्याशी भी पूरी ताकत के साथ चुनाव के मैदान में हैं।
08:33 AM Nov 01, 2023 IST | Anil Prajapat

(नरेन्द्र शर्मा) : जयपुर। सोशल मीडिया हैंडल X पर स्क्रॉल करते समय अगर आपको ऐसी इमेज दिखाई दे जिसमें कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर बैठे अमिताभ बच्चन सवाल पूछ रहे हों- “बताइये, राजेन्द्र राठौड़ का चूरू से तारानगर भागने का क्या कारण है।” तो चौंकिएगा नहीं, अमिताभ ने यह प्रश्न अपने शो में नहीं पूछा, बल्कि यह राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का चुनावी कैंपेन है जो सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है। इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे ही कंटेंट की भरमार है। 

भाजपा-कांग्रेस के साथ ही अन्य पार्टियां और निर्दलीय के रूप में ताल ठोकने को तैयार प्रत्याशी भी पूरी ताकत के साथ चुनाव के मैदान में हैं। इस चुनाव में दोनों ही बड़ी पार्टियों का फोकस जमीनी प्रचार-प्रसार के साथ ही सोशल मीडिया पर भी दिखाई दे रहा है। पार्टियों ने सोशल मीडिया पर अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है। 

प्रदेश कांग्रेस अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरने का काम कर रही है वहीं प्रदेश भाजपा गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। खास बात है कि इस बार दोनों ही पार्टियां रचनात्मक ढंग से एक दूसरे को घेर रही हैं। कंटेंट क्रिएशन टीम की मदद से बेहद क्रिएटिव कैंपेन चलाकर पार्टी को मजबूत किया जा रहा है।

इस बार एआई पावर्ड कंटेंट 

इस चुनाव में सोशल मीडिया कं टेंट तैयार करने में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) की भी भरपूर मदद ली जा रही है। एआई एक्सपर्ट्स को भी कंटेंट क्रिएशन टीम में शामिल किया गया है। एआई की मदद कंटेंट क्रिएशन के साथ ही विरोधी के कंटेंट के एनालिसिस, पोस्ट शेड्यूलिंग आदि में भी लिया जा रहा है। 

लगी है कंटेंट क्रिएटर्स की फौज

दोनों ही पार्टियों की ओर से सोशल मीडिया कैंपेन हैंडल करने के लिए कंटेंट क्रिएटर्स की टीम लगाई गई है। मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं के साथ ही अन्य नेताओं के निर्देशन में यह टीम रणनीतिक रूप से सोशल मीडिया पर कंटेंट पाेस्ट कर माहौल बनाने का काम करती है। टीम में शामिल कंटेंट राइटर्स, एडिटर्स, वीडियाे एडिटर्स, ग्राफिक आर्टिस्ट्स आदि अपने-अपने कंटेंट तैयार करते हैं और फिर इनको स्ट्रेटिजिकली रिलीज किया जाता है। 

साथ ही किसी विशेष समय पर जैसे राजस्थान में ईडी छापे, केंद्र के चुनावी चंदे से जुड़ा हलफनामा देने, किसी के दल बदलने, किसी नेता के सीट बदलने सहित अन्य मौकों के लिए ये टीमें हर समय तैयार रहती हैं और ऐसी इवेंट के चंद समय में ही सोशल मीडिया पर कंटेंट की भरमार हो जाती है।

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