वसुंधरा की अनदेखी पड़ सकती है भारी! BJP ने बदली रणनीति..चुनावी किरदारों की फील्डिंग सेट कर रहे मोदी
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की आबोहवा को चुनावी रंग चढने के साथ ही बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सैलाब आ गया है जहां कांग्रेस अपने काम के दम पर सरकार वापसी का दम भर रही है वहीं बीजेपी का मोर्चा दिल्ली से संभाल लिया गया है. पीएम मोदी ने बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए कमान संभाल ली है जहां बीते 8 अगस्त को प्रदेश के सभी सांसदों के साथ एक बैठक कर पीएम ने जीत का मंत्र दिया.
पीएम के साथ बैठक में सभी सांसदों की मौजूदगी के इतर वसुंधरा राजे और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जा रहा है कि दिल्ली के गुजरात भवन में हुई इस बैठक में वसुंधरा राजे को सांसद नहीं होते हुए भी बुलाया गया जिसके बाद एक बार फिर अटकलों का बाजार गरम हो गया.
कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान चुनाव को लेकर वसुंधरा राजे के राजनीतिक अनुभव की वजह से उन्हें बैठक में आमंत्रित किया गया था. इसके अलावा काफी समय से राजे की अनदेखी की अंदरखाने बयानबाजी हो रही है ऐसे में पीएम चुनावों से पहले एकजुटता का संदेश भी देना चाहते थे. वहीं वैष्णव की बैठक में मौजूदगी को लेकर माना जा रहा है कि उन्हें राजस्थान में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
राजे की अनदेखी कर सकती है नुकसान
मालूम हो कि चुनावों के एकदम नजदीक आने के बावजूद वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि राजे समर्थक चुनाव संचालन कमेटी को लेकर उत्साहित हैं. दरअसल राजस्थान में राजे की पकड़ काफी बड़े वोट बैंक पर है और वह 2 बार सूबे की सीएम रह चुकी है ऐसे में राजे के अनुभव को चुनावों में साथ लेना बीजेपी के लिए जरूरी है. वहीं पीएम मोदी द्वारा बैठक में राजे को बुलाए जाने के पीछे राजे को वेटेज देने का संदेश भी छुपा है.
इधर राजे समर्थकों का काफी समय से कहना है कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान में बीजेपी को सकारात्मक नतीजे मिले हैं. वहीं बीजेपी खेमे में पिछले कई दिनों से गुटबाजी की चर्चाएं भी आती रही है जहां सीएम फेस को लेकर काफी माथापच्ची रही है ऐसे में अब जब पीएम मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है तो ऐसे में राजे को बैठक में बुलाकर बीजेपी आलाकमान ने उनकी अनदेखी नहीं करने का संदेश दिया है.
नई भूमिका में आ सकते हैं वैष्णव
इधर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की राजस्थान चुनावों को लेकर भूमिका जल्द ही तय होने के कयास लगाए जा रहे हैं जहां रेल मंत्री पिछले काफी समय से राजस्थान में एक्टिव हैं. वैष्णव राजस्थान से आते हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं जहां ओबीसी सूबे में एक बड़ा वोट बैंक है. बीते दिनों ब्राह्मण महापंचायत में वैष्णव शामिल हुए थे जिसे बीजेपी की ब्राह्मण वोटबैंक साधने के तौर पर भी देखा गया था.