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PM E-Bus Seva: देशभर में दौड़ेंगी 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें, PPP मॉडल पर होगी पूरी प्रकिया

पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में रेलवे से जुड़ी 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं रेल लाइन उन्नयन और नई रेल लाइनें बिछाने से संबंधित हैं।
08:34 PM Aug 16, 2023 IST | Kunal bhatnagar
pm e bus seva  देशभर में दौड़ेंगी 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें  ppp मॉडल पर होगी पूरी प्रकिया

जयपुर। पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में रेलवे से जुड़ी 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं रेल लाइन उन्नयन और नई रेल लाइनें बिछाने से संबंधित हैं। इन परियोजनाओं पर करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। इस परियोजना के तहत करीब सरकार 45,000 से 55,000 लोगों तक रोजगार देगी।

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10 हजार नई इलेक्ट्रिकल बसों की सेवाएं कराई जाएगी उपलब्ध

केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि बैठक में पीएम ई बस सेवा को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना पर 57613 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसके बाद 10 हजार नई इलेक्ट्रिकल बसों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

100 शहरों चलेगी पीएम ई बस सेवा

देशभर के 169 शहरों में से 100 शहरों ई बस सेवा को शुरु किया जाएगा । आज भी देश के अधिकांश शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं जिसमें विशेषकर बसों बहुत ज्यादा अभाव है। इसलिए देश के 100 शहरों में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बस सेवाएं शुरु की जाएंगी।

5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को मिलेंगी 50 बसें

इस परियोजना के अनुसार 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 बसें दी जाएगी। 5 लाख से 20 लाख तक की आबादी वाले शहरों के लिए 100 बसें उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, 20 लाख से 40 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए 150 बसें चलाई जाएंगी। पुरानी बसें खत्म करने वाले राज्यों और शहरों को अतिरिक्त बसें देने की योजना बनाई गई है।

केंद्र से मिलेगी बस चलाने के लिए मदद

इसे प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड पर किया जाएगा। बसें चलाने के लिए प्रति किलोमीटर के हिसाब से केंद्र सरकार के द्वारा सहायता दी जाएगी, यह सहायता 10 साल तक मिलेगी। पहाड़ी क्षेत्र या पूर्वोत्तर के राज्यों की राजधानी के लिए केंद्र सरकार द्वारा 90 फीसदी सहायता देने की बात कही गई है। इस योजना से देश में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा।

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