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PHED अफसर बिल पास करने का लेते थे 8% कमीशन, 6 आरोपियों के खिलाफ 2800 पेज की चार्जशीट दाखिल

एसीबी ने फिलहाल आरोपी एक्सईएन मायालाल सैनी, एईएन राकेश कुमार, जेईएन प्रदीप कुमार, ठेकेदार पदमचंद जैन और उसकी कंपनी के दो कर्मचारी मलकेत सिंह व प्रवीण कुमार के खिलाफ चालान पेश किया है।
08:11 AM Oct 06, 2023 IST | Anil Prajapat

Jal Jeevan Mission Scam : जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जल जीवन मिशन घोटाले में बिलों का भुगतान करने की एवज में 2.20 लाख रुपए की घूस लेने वाले पीएचईडी के अधिकारियों, ठेकेदार व दो अन्य के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। एसीबी की जांच में घूस के और फर्मों को करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाने के लिए खुलासा हुआ है। पीएचईडी के अधिकारी फर्मों को टैंडर, तकनीकी स्वीकृति जारी करने, मौका निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने और बिलों का भुगतान करने के लिए 8 फीसदी कमीशन लेते थे। बिलों का भुगतान करने के लिए 2 से 3 फीसदी कमीशन लेते हैं। 

एसीबी ने फिलहाल आरोपी एक्सईएन मायालाल सैनी, एईएन राकेश कुमार, जेईएन प्रदीप कुमार, ठेकेदार पदमचंद जैन और उसकी कंपनी के दो कर्मचारी मलकेत सिंह व प्रवीण कुमार के खिलाफ चालान पेश किया है। इस मामले में तीन नामजद आरोपी फरार है ताे 10 से ज्यादा अफसर-कर्मचारी एसीबी की रडार पर है। गिरफ्तार आरोपियों ने ठेकेदार से 7 व 8 रनिंग बिल करीब 1.42 करोड़ रुपए का भुगतान करने की एवज में 2:20 लाख रुपए की घूस ली थी। एसीबी अब अन्य अधिकारियों की भूमिका और जल जीवन मिशन योजना में हुए घोटाले की जांच करेंगे। 

70 लाख का फायदा पहुंचाया 

एसीबी की जांच में सामने आया कि पीएचईडी ने श्याम ट्यूबवैल कंपनी व गणपति ट्यूबवैल कंपनी को बहरोड़ इलाके में जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप लाइन डालने के करोड़ों रुपए के टैंडर दिए थे। कंपनी द्वारा तय समय में काम पूरा नहीं किया था। ऐसे में कंपनी के बिलों से 1 करोड़ रुपए की नियमानुसार कटौती करनी थी, लेकिन अफसराें ने घूस लेकर 30 लाख रुपए की ही कटौती की और 70 लाख रुपए का फायदा दे दिया। 

पदमचंद तय करता था कमीशन 

एसीबी की पड़ताल में सामने आया कि आरोपी ठेकेदार पदम चंद ही पीएचईडी के सभी अफसरों की कमीशन की राशि तय करता था। वह ठेकेदारों और अफसरों से बात करता था कि किस-किस अफसरों को कितना फीसदी देना है। यह बात सर्विलांस के दौरान पदमचंद द्वारा अफसरों व ठे के दारों से फोन पर हुई बातचीत में सामने आया है।

1 करोड़ रुपए का ज्यादा भुगतान किया 

एसीबी द्वारा कोर्ट में पेश की चार्जशीट में सामने आया कि गणपति टयूबवैल कं पनी को टैंडर की डिफरेंस प्राइस भी मनमानी तरीके दी गई। अफसरों ने लेबर चार्ज काटे बिना ही कंपनी को 1 करोड़ रुपए का ज्यादा भुगतान कर दिया। खास बात है कि कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बना कर टैंडर के लिए आवेदन किया था। इसकी भनक अफसरों को भी थी, लेकिन मोटा कमीशन लेकर टैंडर जारी कर दिया।

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