फार्मासिस्ट में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए PCI का फैसला, पंजीकरण से पहले देना होगा एग्जिट एग्जाम
जयपुर। फार्मासिस्ट बनने और फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन से पहले अब एग्जिट एग्जाम देना जरूरी होगा। परीक्षा पास करने वाले फार्मासिस्ट ही अब स्टेट और इंडियन काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करा पाएंगे। फार्मेसी कॉलेजों से सांठ-गांठ कर फर्जी डिग्री, डिप्लोमा के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए फार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया ने यह कदम उठाया है।
फार्मेसी कौंसिल ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डॉ. मोंटू कुमार पटेल की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक में डिप्लोमा इन फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन रेगुलेशन, 2022 के तहत यह फैसला लिया गया है। जिसके संबंध में कुलसचिव अनिल मित्तल ने आदेश जारी कर डी फार्मा कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए पंजीकरण से पहले एग्जिट एग्जाम देना अनिवार्य किया है। आदेश के अनुसार 2022-2023 बेच से अब जो भी फार्मासिस्ट डिप्लोमा ऑफ फार्मेसी करेगा उसको पढ़ाई पूरी करने के बाद पंजीकरण कराने से पहलेएग्जिट एग्जाम देना होगा।
यह है परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया
पीसीआई की ओर से निर्धारित प्राधिकरण या अन्य संस्था द्वारा समय-समय पर परीक्षा आयोजित की जाएंगी। इसमें फार्मास्यूटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्माकोग्नॉसी, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, बायोकेमेस्ट्री, हॉस्पिटल एंड क्लीनिकल फार्मेसी, फार्मास्यूटिकल ज्यूरिस्प्रूडेंस एंड ड्रग स्टोर मैनेजमेंट में बहुविकल्पीय प्रश्नों के 3 पेपर होंगे।
प्रत्येक परीक्षा 3 घंटे की होगी और अंग्रेजी भाषा में आयोजित कराई जाएगी। परीक्षा में 50 फीसदी न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य किया गया है। परीक्षा के लिए किसी भी व्यक्ति को उम्मीदवार के रूप में तब तक पंजीकृत नहीं किया जाएगा जब तक कि उसने रजिस्टर्ड संस्था द्वारा पाठ्यक्रम में डिप्लोमा उत्तीर्णनहीं किया हो।
फर्जी तरीके से फार्मा की डिग्री पर लगेगा अंकुश
इस फैसले से अब फर्जी तरीके से और घर बैठे फार्मेसी करने वालों पर अंकुश लगेगा। इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने बताया की देश के कई राज्यों में फर्जी फार्मेसी की डिग्री, डिप्लोमा जारी कर इसका दुरूपयोग किया जा रहा है। मामले को लेकर लगातार सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही थी। पीसीआई के इस फै सले से राजस्थान सहित कई राज्यों में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मलेगी।
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