सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पवन खेड़ा का गिरफ्तारी मामला, हो रही है सुनवाई
पवन खेड़ा का गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट में सुनवाई भी शुरु हो गई है। इधर पवन खेड़ा को असम ले जाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि खेड़ा पर कई FIR दर्ज हैं। जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस इस समय जोरदार हंगामा कर रही है। रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि इस पुलिसिया गुंडागर्दी के खिलाफ हम सब मिलकर लड़ेंगे।
न ऑर्डर न वारंट…फिर क्यों गिरफ्तारी
रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि हम सभी कांग्रेस के नेता छत्तीसगढ़ के रायपुर में अधिवेशन में शामिल होने के लिए जा रहे थे लेकिन अचानक हमारी फ्लाइट को रुकवा दिया गया और पवन खेड़ा को नीचे उतार दिया गया। जब हमने कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वे दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते। उनके खिलाफ वारंट है, ऑर्डर है। तो हमने वो ऑर्डर मांगे तो उन्होंने वो भी नहीं दिए। मोदी सरकार का तानाशाही, द्वेषपूर्ण और लोकतंत्र विरोधी चेहरा देश के सामने है। सूरजेवाला ने कहा कि दिनदहाड़े लोकतंत्र को बंधक बनाकर, कांग्रेस के अधिवेशन को रोकने की साज़िश में भाजपा के पूरे तंत्र ने निर्लज्जता की सारी हदें पार कर दी हैं लेकिन ऐसी कायराना हरकतों से हम डट कर लड़ेंगे।उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद को वफादार साबित करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
अगर गिरफ्तार करना है तो नरेंद्र मोदी को करिए
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये वही असम की पुलिस है जो निहत्थे पर वार होता है तो चुप रहती है। मैं पूछना चाहती हूं कि आखिर इन्होंने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया, उनकी सिर्फ जुबान फिसली थी, जिसके लिए उन्होंने माफी मांगी थी लेकिन आपने तो पूरे होश-हवाश में इतनी गंदी और भद्दी बातें कहीं है कि आपको अपना मुंह छिपा लेना चाहिए। क्या ये अभिव्यक्ति की आजादी है। अगर आपको आपत्तिजनक टिप्पणी पर कार्रवाई करनी ही है तो नरेंद्र मोदी पर करिए, उन्हें गिरफ्तार करिए।
नहीं चलेगी तानाशाही
कांग्रेस अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष संसद में मुद्दे उठाए तो नोटिस दिया जाता है। महाधिवेशन के पहले छतीसगढ़ के हमारे नेताओं पर ED का रेड कराया जाता है। आज मीडिया चेयरमैन को फ्लाइट से ज़बरदस्ती उतारकर गिरफ़्तार किया गया। भारत के लोकतंत्र को मोदी सरकार ने हिटलरशाही बना दिया। हम इस तानाशाही की घोर निंदा करते हैं।