For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

पापमोचिनी एकादशी : श्रीहरि के चतुर्भुज रुप की होती है पूजा, पापों से मिलती है मुक्ति

05:51 PM Mar 14, 2023 IST | Mukesh Kumar
पापमोचिनी एकादशी   श्रीहरि के चतुर्भुज रुप की होती है पूजा  पापों से मिलती है मुक्ति

पापमोचिनी एकादशी : सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है।प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है,एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में । मार्च महिने में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 18 मार्च को पड़ेगी इसे पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार इस एकादशी पर भगवान विष्णु के चतुर्भुज रुप के पूजन और व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

Advertisement

एकादशी व्रत की तिथि
पंचांग के अनुसार इस बार पापमोचिनी एकादशी का व्रत 18 मार्च 2023 को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 17 मार्च 2023 को दोपहर 2 बजकर 6 मिनिट पर शुरु होगी। एकादशी तिथि का समापन 18 मार्च को 11 बजकर 13 मिनिट तक रहेगी। इस कारण एकादशी का व्रत 18 मार्च को रखा जाएगा।
पूजा विधि
पापमोचिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर ,स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें। उसके बाद घर के मंदिर में वेदी बनाकर जौ,चावल ,मूंग,गेंहू ,बाजरा,उड़द और चना रखना चाहिए। उस वेदी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें । श्रीहरि को पीले फूल,पीले फल,मिठाई,तुलसी का पत्ता चढ़ाऐं। उसके बाद श्रीहरि का स्मरण कर जाप करें । इसके पश्चात पूजन और आरती करें।
महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार यह इस वर्ष की आखिरी एकादशी है। इसके बाद हिंदू वर्ष का समापन हो जाएगा और नये वर्ष की शुरुआत होगी। ऐसी मान्यता है कि पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से जाने -अनजाने में किए गये पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को करने से मनुष्य सात जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। मनुष्य के तन -मन की शुद्धि होती है और मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में जगह मिलती है।

.