Paper Leak Case: किरोड़ी का धरना जारी, बोले-हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो कांग्रेस का नाम लेने वाला भी नहीं बचेगा
जयपुर। प्रदेश में एक के बाद एक पेपर लीक की घटनाओं को लेकर भाजपा प्रदेश कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर हजारों समर्थकों के साथ बीते चार दिनों से धरने पर बैठे हैं। किरोड़ी के समर्थन में लगातार भाजपा नेता भी धरना स्थल पर पंहुच रहे हैं। शुक्रवार को विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी भी किरोड़ी के समर्थन में पहुंचे।
शुक्रवार को धरनास्थल पर सीएचए, सीएचओ भर्ती के अभ्यर्थी भी पहुंचे। पेपर लीक की जांच सीबीआई को नहीं देने के लिए सरकार ने विधानसभा में स्पष्टीकरण दिया। किरोड़ीलाल ने कहा कि यदि सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी और बेरोजगारों के साथ न्याय नहीं किया तो युवा शक्ति आगामी चुनावों में ऐसा सबक सिखाएगी कि राज्य में कोई कांग्रेस का नाम लेने वाला भी नहीं बचेगा।
बड़े मगरमच्छों को पकड़ने की मंशा नहीं
किरोड़ीलाल ने सरकार पर पेपर लीक के मुख्य आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार की इस मामले में बड़े मगरमच्छों को पकड़ने की मंशा है तो सीबीआई जांच कराएं । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बिना किसी राजनीतिक पूर्वाग्रह के युवा शक्ति की आवाज को सुनना चाहिए और उनकी जायज मांगों का ईमानदारी से समयबद्ध समाधान करना चाहिए। पेपर लीक कर बेरोजगारों के सपनों को चकनाचूर करने वाले नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई बेहद जरूरी है।
दो बार हुई वार्ता विफल
मंगलवार को दौसा से जयपुर के लिए मार्चकिया था, लेकिन पुलिस ने घाट की गुणी के पास ही रोक दिया।इसके बाद किरोड़ी धरने पर बैठे गए। मीणा से वार्ता कर धरना समाप्त कराने के लिए सरकार ने दो दौर की वार्ता की, लेकिन दोनों विफल हुईं। पहली बार पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और दूसरी बार गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव के साथ वार्ता हुई, लेकिन दोनों से कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
ये हैं प्रमुख मांग
- रीट, कॉन्स्टेबल, RAS समेत 16 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक हुए हैं, जिनसे 50 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य असमंजस की स्थिति में आ गया है। ऐसे में इन सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच करवाई जाए।
- राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के युवाओं को तरजीह मिल रही है। इसकी वजह से ही प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को ही 90% तक आरक्षण दिया जाए।
- 28000 सीएचए संविदा कर्मियों को फिर से नौकरी पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे लाखों पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
- राजस्थान में भर्ती परीक्षा के दौरान दूसरे राज्यों की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे रोकने केलिए प्रभावी रणनीति के तहत कार्रवाई की जाए।