होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

Organ Transplant Fake NOC Case : SMS के एडिशनल सुपरिटेंडेंट सस्पेंड, 3 डॉक्टरों को नोटिस

Organ Transplant Fake NOC Case : ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में SMS हॉस्पिटल के एडिशनल सुपरिटेंडेंट डॉ. राजेन्द्र बागड़ी को पद से सस्पेंड कर दिया है।
10:28 AM May 16, 2024 IST | BHUP SINGH

Organ Transplant Fake NOC Case : जयपुर। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में SMS हॉस्पिटल के एडिशनल सुपरिटेंडेंट डॉ. राजेन्द्र बागड़ी को पद से सस्पेंड कर दिया है। डॉ. राजेंद्र बागड़ी, डॉ. अचल शर्मा और डॉ. राजीव बगरहट्टा को अनुशासनात्मक कार्रवाई का (16CCA) का नोटिस जारी किया है। मामले को लेकर हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चिकित्सा मंत्री ने खींवसर ने कहा कि मामला सामने आने के
बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की थी।

कमेटी ने भी रिपोर्ट दे दी है। जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य हमारी जानकारी में आए हैं। प्रदेश में 15 अस्पतालों में ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया जा रहा था। इनमें 4 सरकारी एवं 11 प्राइवेट हॉस्पिटल हैं। फर्जी एनओसी का मामला सामने आने के बाद सरकार ने सभी अस्पतालों का रिकॉर्ड जांच के लिए अपनी निगरानी में ले लिया था।

यह खबर भी पढ़ें:-‘ऐसी बेवकूफी नहीं करना चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया, जाने से नुकसान हो तो क्या फायदा?’ गहलोत का पायलट पर पलटवार

क्या है पूरा मामला

एसीबी ने एक शिकायत के बाद 31 मार्च की देर रात SMS हॉस्पिटल में छापा मारकर वहां से फर्जी एनओसी के संबंध में दस्तावेज जब्त किए थे। इस दौरान एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी भी जब्त किए थे।

एक साल में 945 ऑर्गन ट्रांसप्लांट

ACS शुभ्रा सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया कि पिछले एक साल में करीब 945 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए। इनमें से 82 सरकारी अस्पतालों में एवं 863 प्राइवेट हॉस्पिटल में हुए। इनमें से 933 का रिकॉर्ड उपलब्ध हो गया है। कुल 933 ऑर्गन ट्रांसप्लांट में से 882 किडनी और 51 लीवर के ट्रांसप्लांट थे। ट्रांसप्लांट के 269 के स ऐसे सामने आए, जिनमें डोनर और रिसीवर नजदीकी रिश्तेदार नहीं थे।

सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि एक साल में हुए कुल ट्रांसप्लांट में से 171 ट्रांसप्लांट विदेशी नागरिकों (करीब 18 प्रतिशत) के हुए। विदेशी नागरिकों के प्रत्यारोपण मुख्यतः चार अस्पतालों में हुए इनमें फोर्टिस अस्पताल में 103, ईएचसीसी में 34, मणिपाल हॉस्पिटल में 31 और महात्मा गांधी अस्पताल में 2 विदेशी नागरिकों के ट्रांसप्लांट हुए।

फोर्टिस के दो डॉक्टर हुए गिरफ्तार

इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जयपुर पुलिस ने इस के स में जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस मामले में पिछले दिनों पुलिस ने फोर्टिस हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों संदीप गुप्ता और जितेन्द्र गोस्वामी को भी गिरफ्तार किया है।

यह खबर भी पढ़ें:-Rajasthan: बीजेपी के इन बड़े नेताओं पर गिर सकती है गाज, जानिए इसकी वजह?

वीसी, प्रिंसिपल और अधीक्षक को देना पड़ा इस्तीफा

इस मामले में आरयूएचएस के वाइस चांसलर रहे डॉ. सुधीर भंडारी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को अपने-अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

Next Article