राइट टू हेल्थ का विरोध, 11 फरवरी को प्रदेश में बंद रहेंगी चिकित्सा सेवाएं- IMA
राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज कोटा में बैठक की जिसमें उन्होंने इस बिल का विरोध किया और इसे किसी भी सूरत में लागू ना होने का आह्वान किया।
आईएमए के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस बिल के विरोध में डॉक्टर्स के सभी संगठनों की स्टेट जोइंट एक्शन कमेटी का गठन किया गया है, जिसके तहत इस बिल का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस बिल में सजा का प्रावधान है, कोई भी हमारे ऊपर केस कर सकता है और उसकी हम अपील भी नहीं कर सकते, ये तो संविधान के खिलाफ है।
ये बिल निजी चिकित्सकों के साथ सरकारी चिकित्सकों के लिए भी उचित नहीं है। डॉ. शरद ने कहा कि इस बिल में पूरी तरह से संशोधन किया जाना चाहिए।
पूरी तरह से बंद रहेंगी चिकित्सा सेवाएं
स्टेट जोइंट एक्शन कमेटी के अनुसार कोटा सहित राजस्थान में 11 फरवरी को सुबह 8 बजे से 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं बंद रहेंगी। इस बिल के विरोध में चिकित्सालय के साथ ही क्लिनिक, नर्सिंग होम व अन्य चिकित्सा सेवाएं बंद रहेंगी। उसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।
कोटा आईएमए अध्यक्ष डॉ. आरपी मीणा व सचिव डॉ. अखिल अग्रवाल ने कहा कि सरकार डॉक्टर्स की आपत्तियों के बाद भी नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह भूखे को खाना खिलाए, इसका मतलब ये नहीं कि उसे फाइव स्टार में खाना खिलाया जाएगा।
बिना तैयारी का चुनावी बिल है
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. अमित व्यास ने कहा कि सरकार ये बिल बिना तैयारी के लेकर आई है, इसमें चिकित्सकों की राय नहीं ली गई ना ही जो कमेटी बनाई गई है, उसमें किसी चिकित्सक को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से चुनावी बिल है। रोगियों और परिचारकों द्वारा हिंसा के लिए कानून के तहत सजा का प्रावधान नहीं है।