रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने वाले SMS अस्पताल में अब बिना बेहोश करे होंगे ऑपरेशन
जयपुर। मरीजों को हाइटेक सुविधाएं देने में प्रदेश का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital) पीछे नहीं है। रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने वाले एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) में अब एक और नई तकनीक से ऑपेरशन कर मरीजों को राहत देने की तैयारी है। सर्जरी विभाग जल्दी ही हाइड्रो सर्जरी (Hydro Surgery) सिस्टम की सुविधा पेशेंट को देगा। इसमें डाइबिटिक फुट, गैंगरीन, अल्सर इत्यादि बीमारियों से पीड़ित मरीजों के ऑपरेशन बगैर बेहोश किए हो सकेंगे। इसमें एनेस्थेसिया की डोज देने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही बिना दर्द के कम समय में सर्जरी हो सकेगी।
वहीं, जिन मरीजों के डिब्राइडमेंट बार-बार करने पड़ते हैं, उनके ऑपरेशन एक बार में ही हो सकेंगे। डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षणों में पैरों के स्किन का रंग का बदलना, पैरों में सूनापन और सनसनाहट होना, पैरों में संवेदनशीलता का कम होना, घाव होना, घाव से गंदगी निकलना चलने में पैर दर्द होना आदि परेशानी होती है। डायबिटीज की वजह से पैरों में घाव हो जाते हैं, जिसे सर्जरी के जरिए ठीक किया जाता है।
चिकित्सकों का कहना हैकि डायबिटीज की वजह से पैरों में होने वाला घाव बढ़ता रहता है। रक्त कोशिकाओं में थक्के जमा हो जाते हैं और ये कोशिकाएं ब्लॉक हो जाते हैं। इस अवस्था में रोगी के पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है और इसी कारण से उंगलियों, पैर में गैंगरीन हो जाती है। ऐसे मरीजों वेन्स सिकुड जाती है या वसा के थक्के के कारण कई स्थानों पर ब्लॉक हो जाती है। नई तकनीक से ऑपरेशन मरीजों के लिए कारगर होगा, क्योंकि इसमें दर्द से निजात मिलेगी साथ ही बार-बार सर्जरी की आवश्यकता भी खत्म होगी।
इमरजेंसी ओटी में भी हो सकेगी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
एसएमएस सर्जरी विभाग में लेजर व हायड्रो सर्जरी सिस्टम से ऑपेरशन होंगे। साथ ही इमरजेंसी ओटी में भी अब लेप्रोस्कोपिक सर्जरी हो सकेगी। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि हमारे यहां एं डोवेनस लेजर सिस्टम से ऑपरेशन होने शुरू हो गए हैं। इससे पाइल्स, फिस्टुला, पाइलोनिडियल साइनस वेरिकोस बेन्स आदि बीमारियों से ग्रमित मरीजों के ऑपरेशन जल्दी व कम चीर फाड़ व बिना दर्द के हो सकेंगे। सीनियर प्रोफे सर डॉ. राजेन्द्र मांडिया ने बताया कि अब इमरजेंसी में भी गंभीर मरीजों के ऑपरेशन के लिए लेप्रोस्कोपिक तकनीक की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए इमरजेंसी ओटी में लेप्रोस्कोपिक सेट लगा दिया गया है।
रोबोटिक सर्जरी वाला पहला मेडिकल कॉलेज
एसएमएस प्रदेश का ऐसा पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है, जहां यूरोलॉजी व जनरल सर्जरी विभाग में मरीजों की रोबोटिक सर्जरी हुई। विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मांडिया ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह 360 डिग्री तक सूचरिंग कर सकता है और जो काम लेप्रोस्कोपिक में नहीं हो सकता वह रोबोट से कराया जा सकता है।
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