शौक बना शोक… एक ने पतंग उड़ाते और एक ने लूटते हुए गंवाई जान
जयपुर। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का शौक कई लोगो के लिए शोक का कारण बन गया। शनिवार को मकर संक्रांति पर पतंग लूटने और उड़ाने के दौरान एक युवक और एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं, 100 से अधिक लोग पतंग का मांझा गले या शरीर के अन्य हिस्से में लिपटने से घायल होकर अस्पताल में पहुंचे। पतंगबाजी में हादसों के शिकार पशु और पक्षी भी हुए। टोंक रोड वसुंधरा कॉलोनी में पतंग उड़ाते समय नैतिक जैन छत से गिर गए। 25 वर्षीय घायल इस युवक को परिजन तुरंत एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा इमरजेंसी में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर्स के प्रयास के बाद भी नैतिक की जान नहीं बचाई जा सकी।
वहीं, दूसरा मामला वीकेआई रोड का रहा। वहां पतंग लूटते समय बिजली के पोल से टकराकर करंट की चपेट में आए बच्चे की मौत हो गई। 15 वर्षीय लक्की पतंग लूटने के लिए भाग रहा था। इस दौरान वह बिजली के पोल से टकरा गया। स्थानीय लोग घायल बच्चे को नजदीक कांवटिया अस्पताल में ले जाया गया। जहां ज्यादा झुलसने से डॉक्टर्स ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। शनिवार को पतंगबाजी से सड़क पर राह चलते कई दुपहिया वाहन चालक भी मांझे की चपेट में आने के कारण अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे। मांझे से किसी का कान, नाक तो किसी का गला कट गया।
लापरवाही से हुए हादसे का शिकार
स्वयं की लापरवाही से 21 छत लोग छत से गिर गए। मांझे की चपेट में आने से करीब 100 से अधिक लोग सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे। हालांकि, घायल होने वालों में अधिकतर स्वयं की लापरवाही से हादसों का शिकार बने। पिता के साथ बाइक पर आगे बैठकर जा रहे 5 वर्षीय गौरव के चेहरे पर मांझा आ गया। गनीमत रही कि यह गले पर नहीं आया। इसके चेहर पर टांके लगाकर इलाज दिया गया। वहीं, रामगंज में भी स्कूटी सवार युवक आसिफ, नीपार्क निवासी स्कूटी सवार दंपती और 5 वर्षीय एक बच्ची भी मांझे से घायल हो गए। इसी तरह झोटवाड़ा के हसंराज 30 के गले डोर से कट गया, जिसे एसएमएस में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। इनके गले में 18 टांके लगे
सरकारी अस्पताल पहुंचे सैकड़ों लोग
सवाई मानसिहं अस्पताल में 44, कांवटिया अस्पताल 26, गणगोरी अस्पताल 22, सैटेलाइट सेठी कॉलोनी 14 और सहित कु ल 106 लोग पतंगबाजी में घायल होकर सरकारी अस्पताल पहुंचे। इनमें से 3 मरीजों को एसएमएस के ट्रॉमा में भर्ती किया गया। अधिकतर को प्राथमिक उपचार के बाद छु ट्टी दे दी गई। इनमें से 85 मांझे से कटने से पहुंचे। वहीं, निजी अस्पतालों में भी इतने ही लोग पहुंचे। एसएमएस अस्पताल ट्रॉमा इमरजेंसी के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि इमरजेंसी में 24 घंटे शुरू रहेगी। 36 डॉक्टर्स की विशेष ड्यूटी लगाई गई है।