कार्यशाला में बोले गहलोत, राजनीति छोड़ जनता की सेवा में जुटें कार्यकर्ता..डोटासरा ने कहा- काम नहीं किया तो जीतने वाले का भी टिकट कटेगा
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस का चुनावी विजन पूरा करने के लिए प्रदेश के नेता कमर कस चुके हैं और अपनी रणनीति पर फोकस कर रहे हैं। यह रणनीति साल 2023 के लिए नहीं बल्कि साल 2030 के लिए है। इसके तहत आज राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से आज एक दिवसीय कार्यशाला का आय़ोजन किया गया।
रंधावा-गहलोत-डोटासरा की तिगड़ी दे रही है कार्यकर्ताओं को डोज
बिड़ला ऑडिटोरियम में यह कार्यशाला जारी है। जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, पीसीसी चीफ डोटासरा शामिल रहे। इस कार्यशाला में पार्टी के कार्यकर्ता. विधायक और पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव के हमें इस बार राजस्थान का इतिहास बदलना है। हम अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। हम सर्वे करा चुके हैं कि कांग्रेस प्रदेश दोबारा जीत रही है। ऐसा होना ना कि ऐतिहासिक है बल्कि प्रदेश कीराजनीति में एक मील का पत्थर है।
राजनीति छोड़ जनता की सेवा में जुटें
सीएम गहलोत ने कार्यशाला में आए हुए कार्यकर्ता से कहा कि आप लोग 24 अप्रैल से पूरे प्रदेश में शुरू हो रहे महंगाई राहत कैंप को सफल बनाने के लिए काम करें। इसे जन-जन तक पहुंचाएं, लोगों को पता तो चले कि उनकी सहूलियत के लिए सरकार क्या योजनाएं उनके लिए लाई है। इसका लाभ भी उन तक पहुंचाना है। आप लोग अब राजनीति छोड़िए और लोगों की सेवा में जुटिए। कार्यकर्ताओं के साथ-साथ नेता भी इस कैंप को सफल बनाने में जुट जाएं।
शिकायत मिली तो जीतने वाले का भी टिकट कटेगा- डोटासरा
वहीं कार्यशाला में पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि रंधावा दिल्ली से आए हैं। बहुत ही कड़ी परीक्षा है आप सभी की,जो अच्छा काम करेगा संगठन के लिए जनता के लिए उसे ही आगे भेजा जाएगा। उसके काम के आधार पर ही टिकट मिलेगा। अगले 15 दिन में PCC और DCC का विस्तार हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी का सर्वे चल रहा है, जो सर्वे में आएगा, जो लोकप्रिय होगा, जो जनता के लिए अच्छाकाम कर रहा है, उसी को टिकट मिलेगा। लेकिन सर्वे में जो अच्छा काम नहीं कर रहा हैउसके खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं तो उसका टिकट कट जाएगा भले ही पिछली बार जीते ही क्यों ना हो।
रंधावा ने कई मौकों पर किया अलर्ट
बता दें कि रंधावा कई मौकों पर कह चुके हैं कि अब सिफारिश पर काम नहीं चलेगा। टिकट उसे ही मिलेगा जो काम करेगा संगठन के लिए और जनता के लिए। कोई ये नहीं कह पाएगा कि मैं इसका आदमी हूं उसका आदमी हूं। पार्टी मे वो ही रहेगा जो काम करेगा। जिससे साफ लग रहा है कि इस बार कांग्रेस कई विधायकों के टिकट काटने के मूड में है। इसलिए बार-बार केंद्रीय नेता इन नेताओं को अलर्ट कर रहे हैं।
वन-टू-वन संवाद के जरिए टटोल रहे हैं नब्ज
गौरतलब है कि राज्य सरकार अपने विधायकों से वन-टू-वन संवाद कार्यक्रम भी चला रही है। जिसमें वे अपने विधायकों से पार्टी के उस क्षेत्र में वर्तमान स्थिति, कमजोरी, मजबूती ढूंढ रही है, जिस पर काम कर उसे दूर किया जा सके,ताकि चुनाव तक एक साफ-सुथरा और मजबूत चेहरा जनता के बीच ले जाया जा सके।