वन्य कर्मियों की हड़ताल बन रही आमजन के लिए जानलेवा, लेपर्ड के हमले से डेढ़ साल के मासूम की मौत
जयपुर। 15 सूत्री मांगों को लेकर 6 फरवरी से राजस्थान के वन कर्मी कार्य बहिष्कार पर चल रहे हैं जिसका खामियाजा आम जनता को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जमवारामगढ़ तहसील में स्थित टोडा मीणा गांव में जहां घर के बाहर खेल रहे एक डेढ़ साल के मासूम को लेपर्ड अपने जबड़ों में दबोच कर उठा ले गया और मासूम की दर्दनाक मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार डेढ़ साल का मासूम शाम तकरीबन 6 बजे अपने घर के बाहर खेल रहा था तभी अचानक जंगल से निकलकर आबादी में घुसे लेपर्ड ने उस पर हमला कर दिया।
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लेपर्ड ने मासूम को अपने जबड़ों में दबोच लिया और उसे जंगल की ओर ले जाने लगा। लेपर्ड तकरीबन 500 मीटर की दूरी तक मासूम को गर्दन से अपने जबड़ों में दबोच कर ले गया, वहीं लेपर्ड द्वारा मासूम को ले जाता देखकर जब ग्रामीणों ने शोर मचाया तो लेपर्ड मासूम को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। इसके बाद ग्रामीण मासूम को गंभीर अवस्था में उसके घर लेकर पहुंचे, जहां से मासूम को उसके परिजन एक नजदीकी अस्पताल लेकर गए। मासूम की स्थिति गंभीर होने पर उसे एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया और जब परिजन देर रात मासूम को एसएमएस अस्पताल लेकर पहुंचे तो चिकित्सकों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया।
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इस पूरे घटनाक्रम के बाद से ही ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। वन कर्मियों की हड़ताल के चलते वन क्षेत्र में ट्रैकिंग, मॉनिटरिंग, सर्विलांस और रेस्क्यू के तमाम काम ठप पड़े हैं। जिसके चलते वन्यजीव जंगल से निकलकर आबादी में घुसकर आमजन के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो रहे हैं। यदि आज की तारीख में कोई खूंखार वन्यजीव आबादी में घुस आता है तो वन्य कर्मियों की हड़ताल के चलते उसको ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू तक नहीं किया जा सकता, जो आमजन के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।