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सावधान! चाय पीने वालों के लिए ये खबर जरूरी, डेढ साल के मासूम की चाय पीने से हुई मौत

सावधान! चाय पीने वालों के लिए ये खबर जरूरी, डेढ साल के मासूम की चाय पीने से हुई मौत
07:36 PM Aug 07, 2023 IST | Sanjay Raiswal
सावधान  चाय पीने वालों के लिए ये खबर जरूरी  डेढ साल के मासूम की चाय पीने से हुई मौत

इंदौर। अगर आप चाय पीते है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। मध्यप्रदेश में ऐसी ही हैरान कर देने वाली घटना समाने आई है। एक मासूम बच्चे की चाय पीने से मौत हो गई। चाय उसकी सांस नली में अटक गई। सांस लेने में परेशानी होने पर परिजन मासूम को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने बच्चे का उपचार शुरू किया ही था कि कुछ मिनटों में बच्चे की मौत हो गई। यह दिल दहला देने वाली घटना इंदौर के सिमरोल के पास बाईग्राम की है।

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जानकारी के अनुसार, डेढ साल के राज पिता राजेश प्रजापति अपनी मां के साथ सिमरोल में अपने नाना-नानी के यहां रहता था। सोमवार को राज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसके मामा उसे महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) ले गए। वहां डॉक्टरों ने कुछ जांच के बाद इलाज शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

बच्चे की सांस नली में अटकी चाय...

सिमरोल पुलिस ने बताया कि राज की सांस नली में चाय अटक गई थी। इलाज शुरू होने के कुछ ही देर में बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि मां लता ने अपने बेटे और बेटी के लिए चाय बनाई थी। सुबह राज ने चाय पी तो उसे खांसी आई। इसके बाद उसकी सांस बंद हो गई। बच्चे के सांस नहीं लेने पर मां घबरा गई और उसने बच्चे की छाती की मॉलिश की। इसके बाद मां लता अपने भाई महेश के साथ बच्चे को सिमरोल के अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने मासूम को इंदौर ले जाने को कहा। तब उसके परिजन बच्चे को एमवाय अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उपचार के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

जेल में बंद है बच्चे का पिता…

पुलिस ने बताया कि राज के पिता राजेश प्रतापति देवास के करनावत गांव में रहते हैं। दो माह पहले उसकी पत्नी ने राजेश के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने पत्नी से मारपीट के आरोप में राजेश को गिरफ्तार किया। जहां से कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। इसके बाद लता अपने मासूम बेटे राज को लेकर उसकी मां मायके आ गई थी। ससुराल वाले किसी तरह का आरोप न लगाए, इसलिए मासूम का पोस्टमॉर्टम भी कराया। इसके लिए मासूम के शव को फिर पुलिस ने गांव से अस्पताल भेजा।

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