ओबीसी आरक्षण : जयपुर में 30 सितंबर को महापड़ाव, निकाली गई जन जागरूकता रैली
ओबीसी आरक्षण नियमों में संशोधन की मांग को लेकर विरोध तेज होता रहा है। राजस्थान ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा प्रदेश भर में जिला और ब्लॉक स्तर पर जनजागरूकता रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जा रहा है। मंगलवार को जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल में संघर्ष समिति द्वारा आम सभा रखी गई। इसके बाद कस्बे में हजारों युवाओं ने करीब 3 किलोमीटर तक जन जागरूकता रैली निकालकर आक्रोश दर्ज कराया। वहीं सरकार द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 30 सितंबर को जयपुर में महापड़ाव शुरू किया जाएगा।
भाजपा के नियमों से हुआ नुकसान, कांग्रेस से संसोधन की मांग
ओबीसी संघर्ष समिति के सदस्य और राजस्थान यूनिवर्सिटी के शोध छात्र प्रतिनिधि रामस्वरूप ओला के नेतृत्व में किशनगढ़ रेनवाल में रैली निकाली गई। इस दौरान रामस्वरूप ने कहा कि 2018 में भाजपा सरकार के समय आरक्षण नियमों में जो संशोधन किया गया है। उससे हजारों युवाओं को इन चार वर्षों में भर्तियों में नुकसान उठाना पड़ा है। लम्बे समय से कांग्रेस सरकार से नियमों में संशोधन की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। भाजपा सरकार ने पूर्व सैनिकों का कोटा ओबीसी सहित अन्य कैटेगरी में से हटाकर सभी पदों में से 12.5 प्रतिशत कोटा पूर्व सैनिकों का तय कर दिया।
पुरुष वर्ग को हुआ नुकसान
संघर्ष समिति के सदस्य और छात्र नेता राहुल महला ने बताया कि 7 अप्रैल, 2018 से पहले प्रदेश में ओबीसी के 21% आरक्षण में से 12.5% आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के थे। आरक्षण कै टेगरी में से ही पूर्व सैनिकों की मेरिट बनाई जाती थी और उनके आरक्षण कोटे में ही काटी जाती थी । सरकार ने नियमों में संशोधन कर पूर्व सैनिकों के 12.5% आरक्षण कोटे की मेरिट भर्ती के कु ल पदों में से बना कर आरक्षित वर्ग के कोटे में से निकालने का काम किया।इसका परिणाम यह रहा कि भर्तियों में ओबीसी पुरुष के मूल वर्ग को नौकरियों में कोटा नहीं मिल रहा।
प्रदेश भर से होगा जयपुर कूच
प्रदेश भर में ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति ने अब जयपुर में महापड़ाव की तैयारी कर ली है। 30 सितंबर को प्रदेश भर से ओबीसी के लोग जयपुर कूच करेंगे, जहां राजस्थान यूनिवर्सिटी में महापड़ाव शुरू किया जाएगा। संघर्ष समिति की मांग है कि 2018 में भाजपा सरकार के समय आरक्षण नियमों में जो संशोधन किया गया, उन्हें वापस लिया जाए। अब तक हुए नुकसान के लिए लगभग 10 हजार पदों के लिए छाया पद सृजित करें।रोस्टर प्रणाली को लागू किया जाए, कार्मिक विभाग में सभी वर्ग के प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएं । अन्य वर्गों की तरह ओबीसी बोर्ड का गठन किया जाए।
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