अब दूसरे देश और राज्य में जाने की नहीं है जरूरत, जयपुर में होगा कैंसर का सफल इलाज जानें कहां होगा इलाज....
जयपुर। अब कैंसर रोगियों का दूसरे राज्य या अन्य देश में जाने कि आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसका इलाज राजस्थान कि राजधानी जयपुर में होगा. इससे काफि मरीजों को फायदा मिलेगा. जाने कहा होगा इलाज..
जयपुर में ये इलाज नि:शुल्क मिलेगा
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में अब अत्याधुनिक रेडियो थेरेपी मशीन से कैंसर रोगियों को विश्व स्तरीय उपचार मिल सकेगा. यह मशीन बहुत ही कम समय में कैंसर ट्यूमर को खत्म कर देती हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में स्थापित की गई है लीनियर एक्सेलरेटर मशीनों और सीटी सिम्युलेटर मशीन का गुरूवार को लोकार्पण किया. प्रदेश में रेडियोथेरेपी की यह नवीन मशीनें हैं. इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री ने बताया कि करीब 54 करोड़रूपए की लागत से स्थापित इन अत्याधुनिक मशीनों के प्रारंभ होने से ब्रेस्ट, लंग, हैड और नेक कैंसर की जांच एवं उपचार के लिए काफि सहायता मिलेगी. मरीज लाखों रुपए इस बीमारी पर खर्च करते है और जयपुर में ये इलाज नि:शुल्क मिलेगा. इन मशीनों से ट्यूमर का पता लगाने एवं रेडियोथेरेपी में सटीकता आएगी और कैंसर रोगियों को विश्वस्तरीय उपचार मिल सकेगा.
एक ही बार में ट्यूमर खत्म हो सकता है
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा ने बताया कि रेडियोथेरेपी की ये लीनियर एक्सेलरेटर मशीनें कहीं अधिक फोकस रेडिएशन एक्सपोजर देती हैं जिससे ट्रीटमेंट समय काफि कम हो गया है और इलाज भी आसान हो गया है. नवीनतम मशीनें स्टीरियो टैक्सी सर्जरी कर सकती हैं जिससे एक ही बार में ट्यूमर खत्म हो सकता है. साथ ही आसपास के कैंसर सेल्स भी खत्म हो जाते हैं. इसमें रेडिएशन का पूरा प्रोसीजर 2 मिनट में खत्म हो जाता है. पहले की तरह रेडियोथेरेपी कराने वाले मरीजों में त्वचा पर कालापन आने और अन्य साइड इफेक्ट्स इस मशीन से नहीं होंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा यह रहेगा कि रेडिएशन एक्सपोजर के समय आसपास के अंगों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा.
मरीज के इलाज से पहले मशीन में होगी वर्चुअल प्लानिंग
नई सीटी सिम्युलेटर मशीन से मरीज को स्कैन करके उसके इलाज की प्लानिंग सॉफ्टवेयर में ही वर्चुअली ही की जा सकेगी. इससे इलाज और ज्यादा सटीक हो जाएगा और इलाज के दौरान होने वाली जटिलता का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा. ये सभी मशीनें शुक्रवार से सेवाएं देना शुरू कर देंगी. पूरे देश में कुछ ही ऐसे सेंटर्स है जहां ऐसी तकनीक उपलब्ध है.