अब व्हाट्सएप पर दर्ज हो जाएगी ‘चिरंजीवी’ शिकायत, अस्पतालों में इलाज के नाम पर वसूली होगी बंद
जयपुर। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में इलाज को लेकर निजी अस्पतालों की मनमर्जी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में मरीजों को इलाज की सुविधा देने और समस्याओं का त्वरित समाधान के लिए एसीबी की तरह अब स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी द्वारा जल्द ही वाट्सएप हेल्प लाइन सेवा भी शुरू की जाएगी। स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शुचि त्यागी ने अधिकारियों को जल्द नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों एवं उनके निस्तारण के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में त्यागी ने निर्देश दिए कि योजना का समयबद्ध एवं पूर्ण लाभ सुनिश्चित होना चाहिए। यदि किसी लाभार्थी को योजना का लाभ लेने में कोई समस्या आ रही हो तो संबंधित अधिकारी उसका तत्काल समाधान करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई मामला जिला स्तर पर ही या प्रथम स्तर पर ही समाधान योग्य हो तो संबंधित उसका त्वरित निस्तारण करें। योजना के तहत अब तक प्रदेश भर में 294207 लोगों ने चिरंजीवी योजना का लाभ लेकर निशुल्क इलाज लिया है।
स्टेट लेवल पर मात्र 50 शिकायतें पेंडिंग
चिरंजीवी योजना में आने वाली शिकायतों में अधिकांश शिकायतें योजना का पैके ज शामिल नहीं होने और मरीजों से चिरंजीवी योजना के दायरे में होते हुए भी इलाज के नाम पर जबरन वसूली के मामले आए हैं। त्यागी ने बताया कि चिरंजीवी योजना में जिला स्तर पर समस्याओं का समाधान किया जाता है, जिसके बाद स्टे लेवल पर आने वाली शिकायतों का तुरंत समाधान करने का काम किया जाता है।स्टे लेवल पर अब तक 7500 मामले आए हैं। इनमें से 7450 का निस्तारण किया जा चुका है। अब तक विभाग के पास कु ल 14500 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से करीब 14300 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। मात्र 200 शिकायतें पेंडिंग में हैं। त्यागी ने बताया कि आमजन जानकारी के आभाव में और शिकायत कहां कराये इसकी जानकारी नहीं होती है। ऐसे में कई शिकायतें दर्ज ही नहीं कराते।ऐसे लोगो को भी सीधा जोड़ने के लिए नवाचार किया जा रहा है।
अब तक 10 करोड़ की वसूली
प्रदेश भर में अस्पतालों की शिकायतों की जानकारी के बाद एजेंसी द्वारा कार्रवाई कर अब तक प्रदेश भर में 57 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन अस्पतालों को 6 माह से लेकर तीन वर्ष तक के लिए चिरंजीवी योजना से सस्पेंड किया गया है। अधिकांश मामलो में अस्पताल द्वारा गलत पैकेज भर पैसा उठाने का मामला सामने आया है। ऐसे मामलो में कार्रवाई करते हुए अब तक करीब 10 करोड़ की वसूली की जा चुकी है।