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कोरोना नहीं-दूसरी बीमारियां ले रही जान, सावधानी की जरूरत

08:10 AM May 11, 2023 IST | Anil Prajapat

जयपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 महामारी को वैश्विक आपातकाल की स्थिति से हटा दिया है, लेकिन राजस्थान में कोविड से होने वाले मौतों के आंकड़ों ने सवाल खड़ा कर दिया है कि जब आपातकाल जैसी स्थिति नहीं तो राजस्थान में कोविड से संक्रमितों की जान क्यों जा रही हैं। इस पर चिकित्सकों ने जवाब दिया है कि हार्ट, बीपी, हेमरेज सहित अन्य बीमारियों के कारण यह मौतें हो रही हैं। इनका असली कारण कोरोना नहीं हैं। 

डॉक्टरों का मानना है कि हार्ट फेल या अन्य किसी बीमारी से जिसकी की मौत हुई है, वह उस समय कोविड की चपेट में था, लेकिन अब वायरस इतना मजबूत नहीं है कि वह किसी की जान ले सकें। डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना से डरने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत हैं। 

आरयूएचएस के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि ये जो मौते हो रही है इनका कारण कोरोना इंफेक्शन नहीं हैं। वायरस ऐसी स्थिति में नहीं है कि जान लें। सिर्फ बचाव जरूरी हैं। जिनकी लंबे समय से डायबिटीज, हार्ट, न्यूरो या श्वास रोग या किसी अन्य बीमारी की दवा ले रहे हैं, वे सावधानी बरतें। अपने चिकित्सक से सलाह लेते रहे। वहीं, एसएमएस अस्थमा एलर्जी और टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश कुमावत का कहना है कि दूसरी बीमारियों से जान जा रही है। इस दौरान मरीज कोविड पॉजिटिव हो सकता है, लेकिन यह मौतों का कारण नहीं हैं। को-मोबिलिटी मौतों की जिम्मेदार हैं। 

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24 घंटे में 4 रोगियों ने तोड़ा दम 

राजस्थान में कोरोना वायरस से मौतें बढ़ रहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटे में 4 लोगों ने कोविड से दम तोड़ा हैं। बाड़मेर, जयपुर, जोधपुर और सीकर में बुधवार को एक-एक कोविड संक्रमित की जान गई। हालांकि कोरोना के नए केस 50 ही मिले हैं लेकिन रोजाना मिलने वाली रिपोर्ट में बढ़े मौतों के आंकड़ों ने सभी को डराया हैं। नए साल 2023 में जनवरी से 10 अप्रैल तक राज्य में इस संक्रमण से 14 मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन इसके बाद बढ़े आंकड़े डरा रहे हैं।

खतरा अभी भी बरकरार 

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि वायरस बीमारी और इसका प्रसार अब वैश्विक आपातकाल के रूप में योग्य नहीं है। वैश्विक महामारी की कैटेगरी से डाउनग्रेड करने के बाद संगठन ने इस बात के लिए सचेत भी किया कि भले ही अब इमरजेंसी खत्म हो गई हो, लेकिन खतरा खत्म नहीं हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि अभी भी हर हफ्ते हजारों लोग इस वायरस से मर रहे हैं।

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