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ना इंटरनेट ना सब्सक्रिप्शन फिर भी मोबाइल पर चलेगा लाइव टीवी, जानें क्या है D2M

D2M Technology: बिना इंटरनेट के फोन में कुछ भी चलाना संभव नहीं है लेकिन अब इसको संभव बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। आप अपने स्मार्टफोन में लाइव टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मनोरंजन देखने के लिए इंटरनेट की भी जरूरत नही पड़ेगी।
04:43 PM Sep 07, 2023 IST | Kunal bhatnagar
ना इंटरनेट ना सब्सक्रिप्शन फिर भी मोबाइल पर चलेगा लाइव टीवी  जानें क्या है d2m

D2M Technology: बिना इंटरनेट के फोन में कुछ भी चलाना संभव नहीं है लेकिन अब इसको संभव बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। आप अपने स्मार्टफोन में लाइव टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मनोरंजन देखने के लिए इंटरनेट की भी जरूरत नही पड़ेगी। इसके लिए भारत सरकार जल्द ही D2M यानी डायरेक्ट टू मोबाइल टेक्नोलॉजी जारी करने वाली है।

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आपको बता दें कि इसके लिए दूरसंचार विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, आईआईटी कानपुर और प्रसार भारती मिलकर काम कर रहे हैं। आपातकालीन चेतावनी देने के लिए D2M तकनीक का उपयोग होगा। आइए जानते हैं क्या है D2M तकनीक...

क्या है D2M तकनीक ?

D2M एक प्रसारण तकनीक है जो इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफ़ोन पर मल्टीमीडिया सामग्री प्रसारित कर सकती है। इस तकनीक का उपयोग आपातकालीन चेतावनी और आपदा प्रबंधन में सहायक होगा।

आपको बता दें कि D2M तकनीक में टेलीकॉम ऑपरेटर नेटवर्क बैंडविड्थ पर दबाव डाले बिना लाइव न्यूज और मल्टीमीडिया कंटेंट वितरित कर सकते हैं। ऐसे में यूजर्स को अब इंटरनेट डेटा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

D2M तकनीक कैसे काम करती है?

डी2एम तकनीक स्मार्टफोन पर एफएम रेडियो सुनने के समान काम करती है, जहां एक रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी पर टैप करता है। डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) प्रसारण के रूप में भी जाना जाता है, एक डिश एंटीना उपग्रहों से लाइव प्रसारण सिग्नल प्राप्त करता है और उन्हें एक रिसीवर तक पहुंचाता है, जिसे सेट-टॉप बॉक्स के रूप में जाना जाता है।

यह रोलआउट के लिए तैयार क्यों नहीं है?

2022 में आईआईटी कानपुर द्वारा प्रकाशित पेपर "डी2एम ब्रॉडकास्ट 5जी ब्रॉडबैंड कन्वर्जेंस रोडमैप फॉर इंडिया" में कहा गया है कि वर्तमान में उपलब्ध मोबाइल डिवाइस इस तकनीक का समर्थन नहीं करते हैं।

इस तकनीक को लागू करने के लिए उन्नत स्मार्टफोन, कम शोर वाले एम्पलीफायर, बेसबैंड फिल्टर और रिसीवर की आवश्यकता होगी। जिसके विकास पर कार्य किया जा रहा है।

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