राजस्थान में शुरू हो गया चुनावी मौसम, महज 8 दिनों के भीतर नितिन गडकरी का दूसरा दौरा
राजस्थान विधानसभा चुनाव को 6-7 महीने बाकी है। इसके चलते कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेता प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। भाजपा नेता और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 8 दिनों में दूसरी बार राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं। नितिन गडकरी आज हनुमानगढ़ और बीकानेर जाएंगे। यहां वे विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
ये हैं कार्यक्रम
नितिन गडकरी हनुमानगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का शिलान्यास करेंगे। सुबह 11 बजे उनका यह कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसके बाद शाम 4.15 बजे वे बीकानेर पहुंचेंगे। यहां वे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे की प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। इसके बाद इसी एक्सप्रेस वे का स्थलीय दौरा करेंगे। नितिन गडकरी इसके बाद नौरंगदेसर में प्रेस कांंफ्रेंस करेंगे।
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 15 मई को सीकर के खाचरियावास में पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत की पुण्यतिथि के अवसर पर आय़ोजित की गई स्मृति सभा में शामिल हुए थे। यहां प्रदेश भाजपा का शीर्ष नेताओं का जमघट लगा था। कार्यक्रम में वसुंधरा राजे, सीपी जोशी, राजेंद्र राठौड़, गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहे थे।
कार्यक्रम में कह दी थी बड़ी बात
नितिन गडकरी ने इस सभा में एक बहुत बड़ी बात बोल दी थी, इन्होंने साफ कह दिया कि इस बार वे ना पोस्टर लगाऊंगा, ना चाय पिलाएंगे, ना ही विशाल रैलियां करेंगे, जिसको वोट देना है दे दे। दरअसल नितिन गडकरी ने भैरो सिंह शेखावत को याद करते हुए कहा था कि वोट जनता के काम करने से मिलता है। युवाओं को रोजगार, गरीबों को सहूलियत, बच्चों को शिक्षा देने से वोट मिलता है। राजनीति का सही अर्थ लोगों तक सुविधाएं पहुंचाना हैं।
शाह-नड्डा-राजनाथ सिंह का दौरा भी प्रस्तावित
महज 8 दिनों के अंतराल में ही भाजपा के शीर्ष नेता का दोबारा राजस्थान आना प्रदेश में चुनावी मौसम का अहसास करा रहा है। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हाल ही में राजसमंद और आबू रोड का दौरा कर गए थे। यही नहीं जेपी नड्डा, अमित शाह और राजनाथ सिंह का दौरा भी आने वाले दिनों में प्रस्तावित है। इधर कांग्रेस की तरफ से खुद अशोक गहलोत ने पार्टी के प्रचार ने जिम्मा संभाला हुआ है। महंगाई राहत कैंप के अवलोकन के जरिए वे जिले दर जिलों का ताबड़तोड़ दौरा कर रहे हैं और सरकार की फ्लेैगशिप योजनाओं से जनता को रूबरू करा रहे हैं। ऐसे में गहलोत जैसे ताकतवर चेहरे के सामने भाजपा को अपने स्थिति और मजबूत करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं का सहारा लेना पड़ रहा है।