कई वरिष्ठों को इग्नोर कर निमाली सिंह को बनाया प्रिंसिपल, कुलपति पर लगे तरफदारी के आरोप
जयपुर। महारानी कॉलेज में सोमवार को नई प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर विवाद हो गया। दरअसल प्रो. निमाली सिंह को सोमवार प्रो. मुक्ता अग्रवाल की जगह 3 साल के लिए प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त किया गया। इससे यहां पिछले चार वर्षों से वरिष्ठता के अनुसार बनाई जा रही प्रिंसिपल का क्रम टूट गया। हालांकि, इस बार वरिष्ठता के आधार पर सुनीता अग्रवाल को प्रिंसिपल बनाया जाना था, मगर प्रो. सिंह की नियुक्ति का आदेश सोमवार को दिनभर चर्चा का विषय रहा।
सूत्रों के अनुसार नई बनी प्रिंसिपल कई प्रोफेसर्स से जूनियर हैं और इनके खिलाफ विभागाध्यक्ष की ओर से पिछले दिनों कई फाइनेंशियल इर्रेगुलरिटी की शिकायतें भी कुलसचिव की ओर से दी गईं थीं। इस मामले में जब जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की तो या तो उन्होंने फोन काट दिया या जवाब देने से बचते रहे। इधर इस मामले को लेकर महारानी कॉलेज की प्रोफेसर्स में रोष है, कई प्रोफेसर्स का कहना है कि पिछले दिनों इनके खिलाफ क्लासेज नहीं लेने समेत कई शिकायतें भी कुलपति को सौंपी गईं थीं, मगर उन पर संज्ञान लेने की बजाय इस तरह सिंह को प्रिंसिपल बनाना एक राजनीति का हिस्सा है।
वरिष्ठता के आधार पर इनकी नियुक्ति
महारानी कॉलेज में सोमवार को प्रो. निमाली सिहं को प्रिंसिपल बनाया गया। इससे पहले यहां मुक्ता अग्रवाल पदस्थ थीं। अग्रवाल से पहले आभा नागावत, संगीता गुप्ता और अल्पना कटेजा यहां की प्रिंसिपल रही हैं। इन सभी को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति मिली थी। इस क्रम में इस बार सुनीता अग्रवाल को प्रिंसिपल बनाया जाना था, वरिष्ठता के अनुसार प्रो. निमाली का क्रम 21 वां बताया जा रहा है।
कॉलेज की ओर से भेजी गई नोटशीट के हिसाब से प्रो. निमाली सिहं का प्रिंसिपल बनने के लिए कहीं नाम नहीं था। यहां पिछले चार कार्यकाल से वरिष्ठता के आधार पर इस पद को दिया जाता रहा है। इस बार मुझे प्रिंसिपल बनाया जाना था, मगर एन वक्त 21वें पायदान पर रहीं निमाली को प्रिंसिपल बनाया गया। कुलपति की ओर से तरफदारी की गई है, वरना तो निमाली के खिलाफ रजिस्ट्रार की ओर से पिछले दिनों फाइनेंशियल इर्रेगुलरिटी की शिकायत भी दी गईं थीं- प्रो. सुनीता अग्रवाल, महारानी कॉलेज
काट दिया फोन
इस पूरे मामले पर कुलपति राजीव जैन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बिना जवाब दिए मामले को सुनते ही फोन काट दिया। सच बेधड़क ने उन्हें पांच बार फोन किया, लेकिन बाद में उन्होंने कॉल नहीं रिसीव की।