नाइजीरिया में नए नोटों की कमी से बैकों में अफरा-तफरी, ‘नोटबंदी’से मचा हाहाकार
अबुजा। पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजीरिया गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। बैंकों में झगड़े, पुलिस गश्त और एटीएम पर लगी लंबी कतारें दर्शाती हैं कि देश में ताजा ‘नोटबंदी’से हालात किस कदर बिगड़ चुके हैं। सरकार तनाव को कम करने के लिए हाथ-पांव मार रही है। देश के बैंकिंग क्षेत्र में उथलपुथल है। लोग कैश हाथ में लेने को बेताब हैं।
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नाइजीरिया में ताजा उथल-पुथल ‘नोटबंदी’के चलते हुई है। देश के बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल की चिंगारी सरकार के उस फैसले से भड़की थी, जिसमें लोगों से पुराने नोटों को नए नोटों से अदला-बदली करने को कहा गया। लोगों से कहा गया कि वे बैंकों में जाकर अपने पुराने नोट को नए नोट से बदल लें। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार और महंगाई को कम करना बताया गया। लेकिन नए नायरा (नाइजीरिया की करेंसी) नोटों की कमी ने देशव्यापी संकट को जन्म दे दिया।
विदेशों से नोट छपवा सकती है सेंट्रल बैंक
सेंट्रल बैंक ऑफ नाइजीरिया बढ़ते दबाव के आगे झुक सकता है। लोकल मीडिया रिपोर्टों की मानें तो बैंक आने वाले दिनों में विदेशी ठे के दारों को दोबारा डिजाइन किए गए 1,000, 500 और 200 के नोटों की छपाई का कॉन्ट्रैक्ट दे सकती है। नए नायरा नोटों की छपाई की जिम्मेदारी नाइजीरियन सिक्योरिटी प्रिंटिंग एं ड मिटिं ंग पीएलसी के पास है, नए नोटों की मांग को पूरा नहीं कर पा रही है।
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रात में ही लग जाते हैं लाइन में
लोग पुराने पैसों को नए से बदलने के लिए रात में ही उठकर बैकों की लाइनों में लग रहे हैं, लेकिन बहुत कम बैंक हैं जिनके पास नए नोट उपलब्ध हैं। इसके चलते कई बैकों में हिंसा की खबरें भी सामने आई हैं। कई शहरवासियों का कहना है कि उनके पास पूरी तरह से कै श खत्म हो गया है और वे अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपनी कारों में तेल तक नहीं भरा सकते हैं क्योंकि नकदी की भारी कमी है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नाइजीरिया में अभी भी दरू की कौड़ी बना हुआ है।