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जेम्स वेब टेलीस्कोप की नई खोज, पानी से भरा है एक रहस्यमय ग्रह

07:23 AM May 17, 2023 IST | Supriya Sarkaar
New discovery of James Webb telescope, a mysterious planet full of water

वॉशिंगटन। खगोलविदों ने लगभग 40 प्रकाशवर्ष दूर एक तारे के चारों ओर घूमने वाले ग्रह जीजे 1214-बी को लेकर नया शोध किया है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से मिनी नेपच्यून के नाम से जाने जाने वाले इस ग्रह को बारीकी से देखा गया है। मिनि नेपच्यून विशाल गैसीय ग्रह का एक सिकुड़ा हुआ संस्करण है। वैज्ञानिकों को इसके प्रति जिज्ञासा बनी हुई है। 

इस ग्रह को देखा गया था तो इस पर बादलों की घनी परत देखी गई थी, जिसने इसके अंदर देखने से रोक दिया था, लेकिन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है, जो इनफ्रारेड हीट कैमरे से लैस है। इस टेलीस्कोप ने घने बादलों की जांच की, जिससे जुड़े रिजल्ट 10 मई को जर्नल नेचर में पब्लिश किया गया है। नासा शोधकर्ताओं के मुताबिक जीजे 1214-बी में भाप से बना वातावरण है। इससे नासा शोधकर्ता मान रहे हैं कि ये ग्रह ‘पानी से भरा’ है।

जेम्स वेब ने खोजी खास जानकारी 

नासा की जेट प्रोपल्शन लैब के एक एक्सोप्लैनेट शोधकर्ता रॉब जेलेम ने एक बयान में कहा, ‘पिछले लगभग एक दशक से इस ग्रह के बारे में हमें सिर्फ यह पता था कि इसका वातावरण बादल भरा या धुंधला था।’ JWST केमिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) का इस्तेमाल ग्रह का तापमान मैप करने के लिए किया गया। कक्षा में घूमने के दौरान इसके दिन और रात दोनों का ही तापमान कैप्चर किया गया, जिसके डेटा से खगोलविद् यह पता लगाने में सक्षम हुए कि यह किस चीज से बना है।

तापमान में हुआ बदलाव 

जीजे 1214-बी के तापमान में नाटकीय रूप से बदलाव हुए। इसमें पाया गया कि दिन में तापमान 535 डिग्री फारेनहाइट और फिर रात में 100 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया। पृथ्वी के लिहाज से इसे ऐसे समझा जा सकता है कि एक ही दिन में तेज गर्मी हो और फिर उसी रात को बर्फीला तूफान आए। शोध में कहा गया कि इस तरह तापमान में उतार चढ़ाव से पता चलता है कि ग्रह का वातावरण केवल हल्के हाइड्रोजन अणु से नहीं बना हो सकता, बल्कि इसमें पानी या मीथेन जैसा भी कुछ होना चाहिए।

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