नीलकंठ बायोडायवर्स फॉरेस्ट-खान भांकरी ईको पार्क का होगा विकास, सीएम गहलोत ने दी मंजूरी
दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में ईको टूरिज्म को बढ़ाने के लिए पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने प्राकृतिक स्थलों के विकास के लिए अहम निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले में नीलकंठ बायोडायवर्स फॉरेस्ट और खान भांकरी ईको पार्क विकास के लिए 3 करोड़ रुपए (1.50-1.50 करोड़) की वित्तीय स्वीकृति दी है।
सीएम गहलोत की इस वित्तीय स्वीकृति से दौसा जिला पर्यटन मानचित्र पर स्थापित होगा। स्थानीय रोजगार के नए मौके क्रिएट होंगे। वित्त विभाग ने दोनों कामों के लिए पहले 54.25 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। अब इसके विकास कार्यों को बढ़ाते हुए 3 करोड़ रुपए का एडिशनल प्रावधान किया गया है।
वन्यजीव संरक्षण में अहम फैसला, बढ़ेगा पर्यटन
नीलकंठ बायोडायवर्स फॉरेस्ट में वन्यजीव संरक्षण, पर्यटक सुविधा और पर्यावरण जागरूकता के काम किए जाएंगे। पर्यटक सुविधाओं में वॉकिंग ट्रैक, ईको हट्स, पानी की सुविधा, कुर्सियां, वॉच टावर, एंट्री गेट, साइनेज, वन्यजीव संरक्षण में तलाई, एनिकट, पौधारोपण सहित कई काम किए जाएंगे।
वनस्पतियों और वन्यजीवों की समृद्ध बायो डायवर्सिटी
दौसा के इस वनखंड में वनस्पतियों और वन्यजीवों की समृद्ध जैव विविधता है। वनस्पतियों में सालार, खिरनी, गूलर, बिल पत्र, गूंदी, सिरस, पलास, धौंक और कई पेड़ हैं। जड़ी- बूटियों में वज्रदंती, सतावर, अरनी, थोर, हरसिंगार, मोरपंखी सहित अन्य मौजूद हैं। वन्यजीवों में तेंदुआ, लकड़बग्घा, सियार, नीलगाय, जंगली सुवर, पाटागो, नेवला, सांप, मोर और अन्य वाइल्ड एनिमल्स शामिल हैं।
बनेगा वॉकिंग ट्रैक , बोटिंग भी संभव
खान भांकरी ईको पार्क दौसा जिला कलेक्ट्रेट से मात्र 300 मीटर दूर है। यहां वॉकिंग ट्रेक, गार्डन वर्क, फेंसिंग, दीवार, कार्यालय भवन सहित विभिन्न काम होंगे। यहां छोटा तालाब है, भविष्य में बोटिंग भी शुरू की जा सकती है। यहां पहाड़ी के चारों तरफ लगभग 4-5 किलोमीटर में वॉकिंग ट्रेक प्रस्तावित है।
इसके दोनों तरफ नीम, शीशम, पीपल, करंज, आंवला, अशोक, मोरचडी, गूलर, बिलपत्र सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। रैन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण और तलाई की खुदाई कर ब्यूटीफिकेशन का काम कराया जाना प्रस्तावित है। बता दें कि सीएम गहलोत ने बजट 2022-23 के तहत प्रदेश विकास में पर्यटन के लिए हर जिले में 2-2 पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर जन सुविधा संबंधी काम करने की घोषणा की थी।