वैज्ञानिक मान रहे दूसरी पृथ्वी, नासा ने ब्रह्मांड में खोजा ‘सुपर अर्थ’
वॉशिंगटन। खगोलविदों के मन में हमेशा ये सवाल रहा है कि क्या सिर्फ पृथ्वी पर जीवन है या किसी और ग्रह पर कोई प्रजाति रहती है। अगर एलियन न भी हों तो ये सवाल रहता है कि क्या ब्रह्मांड में कोई ग्रह पृथ्वी की तरह है? पृथ्वी 2.0 की खोज लंबी और कठिन रही है। वैज्ञानिक पृथ्वी जैसे किसी दूसरे ग्रह को खोजने में लगे हैं। अब वैज्ञानिकों की खोज एक ऐसे ग्रह तक पहुंची है, जो पृथ्वी से बड़ा है और यह अपने सूर्य के रहने योग्य क्षेत्र में है।
खगोलविदों ने हाल ही में पृथ्वी से 137 प्रकाश वर्ष दूर TOI-715 b नाम के ग्रह को खोजा है। इसे वैज्ञानिक ‘सुपर अर्थ’ कह रहे हैं। यह ग्रह लाल तारे की परिक्रमा कर रहा है। हालांकि यह खोज अकेली नहीं है। इसके साथ लगभग पृथ्वी के आकार का एक दूसरा ग्रह भी हो सकता है, जो दोनों अपने मूल तारे के रहने योग्य क्षेत्र में हैं। TOI-715 b हमारे ग्रह से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा चौड़ा है। यह एक ऐसी कक्षा में है, जो इसे अपने तारे से बिल्कुल सही दूरी पर रखता है, जिससे इस ग्रह पर पानी के तरल रूप की संभावना बढ़ जाती है। पानी जीवन का प्रमुख घटक है।
क्या होती है रहने योग्य दूरी
रहने योग्य क्षेत्र तारे से एक ऐसी दूरी होती है, जहां किसी ग्रह पर मौजूद पानी गर्मी के कारण न तो भाप बने और ना ही ठंड के कारण बर्फ बने। पानी का अस्तित्व उपयुक्त वातावरण समेत कई कारकों पर निर्भर करता है। TOI-715 b का स्थान इसके आगे के अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों में दिलचस्पी पैदा करता है। इस ग्रह की खोज वैज्ञानिक बेहद अच्छे समय में मान रहे हैं। क्योंकि आज के समय टेक्नोलॉजी का विकास हुआ है।
टेक्नोलॉजी कैसे कर रही है मदद
आज वैज्ञानिकों के पास जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जैसी चीजें हैं, जो दूर के एक्सोप्लैनेट का पता लगाने के साथ-साथ उनकी वायुमंडलीय रचनाओं का विश्लेषण करने में भी सक्षम हैं। ऐसे डेटा सौरमंडल से परे जीवन की संभावना के बारे में महत्वपूर्ण सुराग दे सकते हैं। TOI-715 b का तारा एक लाल बौना है। जो हमारे सूर्य से छोटा और ठंडा होता है। चट्टानी ग्रहों पर इसके जरिए उपजाऊ भूमि पैदा हो सकती है।