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NASA के टेलिस्कोप ने किया खुलासा, जूपिटर पर रहस्यमयी जेट स्ट्रीम

मेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने पिछले कई वर्षों से अंतरिक्ष के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती रही है। इसी कड़ी में नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप ने जूपिटर के वातावरण में एक हाई-स्पीड जेट स्ट्रीम की हैरान करने वाली इमेज कैप्चर की है। इसकी चौड़ाई 4,800 किमी की है। यह जूपिटर के इक्वेटर के ऊपर मौजूद है।
09:20 AM Oct 29, 2023 IST | BHUP SINGH
nasa के टेलिस्कोप ने किया खुलासा  जूपिटर पर रहस्यमयी जेट स्ट्रीम

वाशिंगटन । अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने पिछले कई वर्षों से अंतरिक्ष के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती रही है। इसी कड़ी में नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप ने जूपिटर के वातावरण में एक हाई-स्पीड जेट स्ट्रीम की हैरान करने वाली इमेज कैप्चर की है। इसकी चौड़ाई 4,800 किमी की है। यह जूपिटर के इक्वेटर के ऊपर मौजूद है। जूपिटर की इस हाई-स्पीड जेट स्ट्रीम को रफ्तार
लगभग 515 किमी प्रति घंटा मापी गई है। टेलिस्कोप की वेबसाइट के अनुसार, इससे यह पता चल सकता है कि इस ग्रह का असमान वातावरण किस प्रकार का है। इस बारे में पपरे के प्रमुख लेखक रिकार्ड ह्सयूो ने कहा, “इस इमेज से हैरत में पड़ गए थे। हमने इससे पहले जूपिटर के वातावरण में कोहरा देखा था।” पिछले वर्ष जुलाई में कैप्चर की गई इस इमेज का रिसर्च टीम ने विश्लेषण किया है।

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शेयर की एक अन्य हैरतअंगेज इमेज इसके अलावा हाल ही में नासा ने अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर मौजूद डिसेप्शन आइलैंड की हैरतअंगेज इमेज शेयर की थी। दनिु या में यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां जहाज एक सक्रिय ज्वालामुखी में सीधे जा सकते हैं। नासा ने इंस्टाग्राम पर शेयर की गई इस इमेज के कै प्शन में लिखा था, “समुद्र के नीले पानी से घिरे डिसेप्शन आइलैंड की सैटेलाइट इमेज। इस आइलैंड पर चट्टानें और पहाड़ हैं और कु छ चोटियों पर सफे द बर्फ है। इसके नीचे एक स्थान से जहाज सीधे आइलैंड के मध्य में जा सकते हैं।”

ज्वालामुखी में डिसेप्शन आईलैंड

इस इमेज में ज्वालामुखी का ऊपरी हिस्सा दिख रहा है। इसे कुछ वर्ष पहले कै प्चर किया गया था। अंटार्कटिक में मौजूद दो सक्रिय ज्वालामुखी में डिसेप्शन आइलैंड शामिल है। इसमें 19वीं सदी से अब तक 20 से अधिक विस्फोट हो चुके हैं। यह स्थान निर्जन है, लेकिन अंटार्कटिक में पर्यटकों के बीच यह काफी लोकप्रिय है। यहां प्रति वर्ष 15,000 से अधिक पर्यटक आते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह आइलैंड व्हेल और सील के शिकार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था।

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