नगर निगम ग्रेटर : हड़ताल पर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी, मेयर सौम्या गुर्जर ने खुद लगाई शहर में झाड़ू, पार्षदों ने भी दो-दो घंटे का किया श्रमदान
जयपुर। नगर निगम ग्रेटर के वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शहर की सफाई व्यवस्था ना बिगड़े इसे लेकर मेयर सौम्या गुर्जर ने खुद ही हाथों में झाड़ू उठा लिया और सफाई में जुट गईं। सौम्या गुर्जर के साथ ही पार्षदों और सफाई समतियों के चेयरमैन ने भी उनका साथ दिया। उन्होंने भी हाथ में झाड़ू थामकर शहर में जगह-जगह झाड़ू लगाई, शहर की मेयर को साफ-सफाई करते देख आम लोगों ने भी इसकी प्रशंसा की और उनका साथ दिया।
पार्षद भी कर रहे हैं श्रमदान
दरअसल वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी पदों पर भर्ती में खुद को प्राथमिकता देने और आरक्षण को हटाने की मांग कर रहे हैं। जिसे लेकर उन्होंने हड़ताल का ऐलान किया। वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के ऐलान के बाद सौम्या गुर्जर ने निगम कार्यालय में आपातकालीन बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने सभी पार्षदों से 2 घंटे श्रमदान कर शहर को साफ-सुथरा करने का आह्वान किया। इसके तहत ही आज सौम्या गुर्जर समेत पार्षदों और सफाई समितियों के चेयरमैन ने इलाकों में जा-जाकर साफ-सफाई की।
हड़ताल का व्यापक असर नहीं
हालांकि वाल्मीकि समाज के हड़ताल पर जाने का व्यापक असर शहर की सफाई व्यवस्था पर नहीं दिखा क्योंकि वाल्मीकि समाज के जो सफाई कर्मचारी हैं उनकी संख्या लगभग 6000 है और 2200 कर्मचारी दूसरे समाज के लोग हैं। तो ये लोग रोज की तरह ही आज अपने काम में लगे हुए हैं। जिससे कई इलाकों की साफ सफाई हुई। दूसरी तरफ खुद सौम्या गुर्जर और पार्षदों ने सफाई का जिम्मा उठाया जिससे आम जनता में भी एक अच्छा मैसेज गया। इसलिए शहर की साफ सफाई रोज की तरह ही रही। हड़ताल का कुछ खास असर नहीं दिखा।
इन मांगों को लेकर वाल्मीकि समाज के कर्मचारी हड़ताल पर
वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों की कल हड़ताल के ऐलान के बाद संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डांडोरिया ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा था कि जो सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली जाती हैं, उसमें आरक्षण लागू नहीं हो लेकिन उसमें वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाए। यूडीएच की ओर से विज्ञप्ति जारी हुई थी। जिसमें 30 हजार पदों के बजाय 13 हजार 164 कर्मचारियों की भर्ती निकाली गई थी। इसलिए प्रशासन 30 हजारपदों पर ही भर्ती निकाले।
इसके अलावा साल 2018 के पहले सफाई कर्मचारियों को संविदा के तौर पर काम में लिया गया था। उन्हें भी नियुक्ति दी जाए। हमारी इन मांगों को लेकर पहले तो प्रशासन ने हामी भर दी थी लेकिन अब वही हमसे वादाखिलाफी कर रहा है। इसलिए हमारे पास अब हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई चारा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक भी हड़ताल पर ही रहेंगे।
आपातकालीन बैठक में मेयर सौम्या गुर्जर ने बनाई थी रणनीति
डिंडोरिया के हड़ताल पर जाने के बाद सौम्या गुर्जर ने आपातकालीन बैठक लेकर बताया था कि निगम ने सफाई समितियों के चेयरमैन और पार्षदों से बातचीत की। अब इनके साथ व्यापार मंडल, ठड़ी-ठेले वालों और विकास समिति के मदद से ही सफाई अभियान कल यानी आज से शुरू किया जाएगा। कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं ,करें। लेकिन उनके चलते शहर को गंदा नहीं होने दिया जाएगा। पार्षद अपने-अपने क्षेत्र में दो-दो घंटे का श्रमदान कर रहे हैं। कर्मचारियों ने जो मांग की है वह निगम से जुड़ी हुई नहीं है बल्कि वह राज्य सरकार के तहत आती हैं। इसलिए जो भी मांगे मांग रहे हैं। राज्य सरकार को उसे सुनना चाहिए।