होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

इस स्मॉल-कैप कंपनी का मार्केट कैप 650 करोड़ पार पहुंचा, जबरदस्त रिटर्न के बाद कंपनी 1:2 के अनुपात में बांटेगी शेयर

01:47 PM Feb 21, 2023 IST | Mukesh Kumar

मुफिन ग्रीन फाइनेंस (Mufin Green Finance) ने अपने निवेशकों को पिछले एक साल में जबरदस्त रिटर्न दिया है। कंपनी अपने शेयरों को 1:2 के अनुपात में बांटने, मतलब स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) करने की घोषणा की है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की शुक्रवार 17 फरवरी को एक बैठक में हुई थी। इस बैठक में कंपनी के शेयरों के विभाजन को मंजूरी दी गई है। शेयरों को 1:2 के अनुपात में बांटने का मतलब है, फाइनेंस कंपनी अपने हर एक शेयर को दो छोटे-छोटे भागों में विभाजित करेगी। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मौजूदा 2 रुपए के फेस वैल्यू वाले हर एक शेयर को 1 रुपए के फेस वैल्यू वाले 2 शेयरों में बांटने के फैसले को मंजूरी दी है।

आकड़ों की देखें तो मुफिन ग्रीन फाइनेंस के शेयर मंगलवार 21 फरवरी को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 0.26 फीसदी बढ़कर 252.90 रुपए के भाव पर ट्रेड कर रहे है। पिछले एक साल में इस शेयर की कीमत में लगभग 338.30 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि कंपनी के शेयरों में बीएसई पर बिजनेस 27 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ था। उस वक्त इस शेयर का भाव 18.95 रुपए था, जो बढ़कर 252.90 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। इस प्रकार पिछले करीब साढ़े 3 सालों में मुफिन ग्रीन फाइनेंस के शेयरों ने अपने निवेशकों को करीब 1266.75 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है।

फाइनेंस सेक्टर से जुड़ा है कंपनी का बिजनेस
मुफिन ग्रीन फाइनेंस लिमिटेड (Muffin Green Finance Limited) एक स्मॉल-कैप कंपनी है। कंपनी का मार्केट कैप 651.54 करोड़ है। बता दें कि यह एक प्राईवेट फाइनेंस कंपनी है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लोन की सुविधा उपलब्ध करवाती है।

जानिए कंपनी क्यों करती है स्टॉक स्प्लिट

स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है कि शेयरों को विभाजन। बता दें कि जब कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ जाती है, तो कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने शेयरों को कई हिस्सों में विभाजित कर देती है। इससे कंपनी के शेयरों की कीमत सस्ती हो जाती है और कंपनी के कुल शेयरों की संख्या में बढ़ा दी जाती है।

Next Article