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कानपुर में मां-बेटी के आत्मदाह का मामला : बेटे ने लगाया आरोप, लेखपाल ने झोपड़ी में लगाई आग..अब CM योगी आकर देखें हमारा दुख

12:37 PM Feb 14, 2023 IST | Jyoti sharma

कानपुर देहात के रूरा में एक झोपड़ी में मां-बेटी के आत्मदाह करने के मामले ने सिय़ासी बवाल मचा दिया है। हालत यह हो रहे हैं कि घटना के 18 घंटे के बाद भी मां-बेटी के जले हुए शव उठाए नहीं गए हैं। उनके परिजनों ने कहा है कि जब तक सीएम योगी खुद यहां आकर उनका दुख नहीं सुनेंगे तब तक शव नहीं उठने नहीं दिय़ा जाएगा।

इधर समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार पर इस मामले की ठीकरा फोड़ा है। पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिय़ा कि योगीराज में अब ब्राह्मणों को को भी टारगेट किया जा रहा है। अब सपा ने अपने नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल को कानपुर देहात के मैथा स्थित उस गांव में भेजा है जहां पर मां-बेटी ने खुद को आग लगा ली थी। यहां ये नेता पीड़ित परिवार से मिलेगा।

 डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा है कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है जो आज अपनी रिपोर्ट देगी। इस वारदात के आरोपी पाए जाने पर लेखपाल और SDM को निलंबित कर दिया गया है। मां-बेटी के परिजनों ने FIR भी दर्ज करा दी है। मृतक महिला के बेटे शिवम दीक्षित ने कहा है कि जब एसडीएम, लेखपाल और पुलिस और कुछ बदमाशों ने मेरे घर में आग लगा दी तो मेरी मां और बहन की मौत हो गई। मैंने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुआ। हमारी मांग है कि सेम योगी खुद यहां आए और हमारा दुख देखें और सुनें।

  

बता दें कि कानपुर देहात के मैंथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में अतिक्रमण हटाने गये प्रशासनिक अफसरों और पुलिस टीम ने अतिक्रमण वाली जगह पर स्थित एक झोपड़ी पर जेसीबी चला रहे थे, जिसका झोपड़ी में मौजूद महिला प्रमिला दीक्षित और उसकी 19 साल की बेटी नेहा दीक्षित ने विरोध किया लेकिन अफसरों के न सुनने पर उन दोनों ने झोपड़ी के भीतर ही खुद को जिंदा जला लिया था।

अधिकारियों ने कहा आत्मदाह, परिजन बोले लगाई गई आग

 इस मामले को लेकर अधिकारियों ने दलील दी थी कि दीक्षित परिवार की झोपड़ी अतिक्रमण वाली जगह पर स्थित थी जिसे ही हटाने वे लोग गए थे लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी और दबाव बनाने के लिए दोनों मां-बेटी ने खुद को आग लगा ली। लेकिन महिला के बेटे शिवम दीक्षित ने अपने बयान में कहा है कि वे लोग घर के आस-पास ही काम कर रहे थे, तभी झोपड़ी के पास बुलडोजर लेकर कई नामजद लोग आ गए, उन्होंने झोपड़ी पर बुलडोजर चलाने को कह दिया, जिस पर वे बुलडोजर चलाने लगे, जबकि उसकी मां और बहन झोपड़ी के अंदर ही थीं, शिवम ने बताया कि वहां मौजूद अधिकारी कह रहे थे, गिरा दो, गिरा दो न निकले तो आग लगा दो, इन्हीं लोगों ने झोपड़ी में आग लगा दी थी, जिसेस मेरी मां और बहन जिंदा जल गए।

कलेक्ट्रेट तक गए..नहीं हुई कोई सुनवाई

 इधर इस वारदात का एक वीडियो भी सामने आ रहा है कि जिसमें साफ-साफ देखा जा रहा है कि एक झोपड़ी जल रही है और वहीं परिजन झोपड़ी की तरफ इशार करते हुए कह रहे हैं कि मम्मी जल गई, दीदी जल गई। शिवम ने बताया कि हमारे बाबा शुरूआत से ही इस जमीन पर रहते थे। लेकिन बीती 14 जनवरी को मैथा SDM, लेखपाल बुलडोजर लेकर आए और मकान गिराने की बात कहने लगे। इस पर परिवार ने विरोध जताया तो उन्होंने 10 से 12 दिन का समय तो दिया लेकिन फिर भी कुछ निर्माण गिरा दिया, इस ज्यादती पर पूरा परिवार अपनी गुहार लगाने कलेक्ट्रेट भी गया था, लेकिन वहां भी उनकी सुनवाई नहीं हुई सिर्फ बलवा का मामला दर्ज करा दिया।

लेकिन सोमवार दोपहर को फिर से बुलडोजर लेकर यही अधिकारी और इस परिवार के नामजद विपक्षी आए और मकान गिरान लगे उस समय जब उसकी मां और बहन झोपड़ी में थे। लेखपाल ने मेरी झोपड़ी में आग लगा दी और मेरी आंखों के सामने मेरी मां और बहन जिंदा जल गईं।    

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