कानपुर में मां-बेटी के आत्मदाह का मामला : 24 घंटे बाद उठाए गए शव, कांग्रेस और सपा नेताओं को जाने से पुलिस ने रोका
कानपुर देहात में हुए मां बेटी के कथित आत्मदाह के वीभत्स कांड पर पूरे देश में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। आज समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा था, जिसे पुलिस ने गांव तक नहीं पहुंच दिया और रास्ते में ही रोक लिया। इस पर सपा नेताओं ने जमकर हंगामा किया और सड़क के बीच बैठकर प्रदर्शन किया। इधर मां-बेटी के जले हुए शवों को करीब 24 घंटे बाद शवों को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से वीडियो कॉल पर बात कर आखिर पीड़ित परिवार शव उठाने को लेकर मान गया। जिसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम कते लिए भेज दिया है।
समाजवादी पार्टी ने पीड़ित परिवार से मिलने के लिए अपने नेताओं को प्रतिनिधिमंडल बनाकर वहां भेजा था, लेकिन पुलिस ने नेताओं को गांव तक नहीं पहुंचने दिया। उन्हें गांव के बाहर ही रोक लिया गया है। दरअसल प्रशासन से ये सख्त आदेश हैं कि किसी भी नेता या बाहरी व्य़क्ति को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाए और अगर वो आता है तो उसकी पूरी चेकिंग की जाएगी फिर आदेस मिलने पर ही उसे गांव के भीतर आने दिया जाएगा। सुरक्षा लिहाज से यह कदम उठाया गया है।
लेकिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पुलिस के रोके जाने पर जमकर हंगामा किया दिबियापुर से सपा विधायक प्रदीप यादव को इंडियन ऑयल चौकी के पास ही रोक लिया गया इसके विरोध में उन्होंने सड़क पर ही बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा कांग्रेस नेताओं को भी गांव आने से रोका गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी समेत कांग्रेस नेताओं को उन्नाव के अजगैन बॉर्डर पर, नवाबगंज टोल प्लाजा पर रोक दिया गया।