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धीरे-धीरे मार्केट से गायब हो रहा है 2000 रुपए का नोट, सरकार ने भी छापने बंद कर दिए, यहां पढ़े असली कारण

रिजर्व बैंक ने वर्ष 2019-20 से 2000 रुपए के नोट को छापना पूरी तरह बंद कर दिया है। पिछले दो वर्षों में एक भी नया नोट नहीं छापा गया है।
03:56 PM Oct 02, 2022 IST | Sunil Sharma
रिजर्व बैंक ने वर्ष 2019-20 से 2000 रुपए के नोट को छापना पूरी तरह बंद कर दिया है। पिछले दो वर्षों में एक भी नया नोट नहीं छापा गया है।

अगर आप इन दिनों ATM से पैसे निकलवाने गए हों तो आपने नोट किया होगा कि वहां पर मशीन से 2000 रुपए का नोट बहुत कम निकल रहा है। अगर मार्केट की बात करें तो मार्केट में भी इस नोट की काफी कमी हो रही है।

हाल ही में संसद में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए केन्द्र सरकार ने कहा था कि वित्त वर्ष 2020 और 2021 में दो हजार रुपए का एक भी नया नोट नहीं छापा गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार जल्दी ही दो हजार रुपए के नोट पर पाबंदी लगा सकती है। जानिए इस बारे में विस्तार से

2017 के बाद से सरकार लगातार कम रही हैं 2000 के नोट छापना

केन्द्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सरकार ने वर्ष 2017 में ही इसकी प्रिंटिंग करना कम कर दिया था। इसके बाद से हर साल लगातार इसकी संख्या कम होती जा रही है। वर्ष 2017 में लगभग 3500 मिलियन की वैल्यू के दो हजार के नोट छापे गए थे जो वर्ष 2018 में 111 मिलियन और वर्ष 2019 में 46 मिलियन वैल्यू के ही नोट छापे गए। यही नहीं वर्ष 2019-20 से इसे छापना पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यानि पिछले दो वर्षों में एक भी नया नोट नहीं छापा गया है।

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इस एक वजह से नहीं छापे जा रहे नए नोट

वित्त विशेषज्ञों के अनुसार दो हजार रुपए के नोटों की जमकर जमाखोरी हो रही है। माना जा रहा है कि देश में मौजूद काले धन को 2000 रुपए के नोटों की शक्ल में जमा किया जा रहा है। इसके अलावा बड़े नोटों को छापने पर खर्चा भी ज्यादा आता है जिसकी वजह से सरकार ने इन नोटों की संख्या कम करने का निर्णय लिया।

ATM में भी नहीं मिल रहें 2000 के नोट

मीाडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में मौजूद ATM में 2000 रुपए के बॉक्स को 500 रुपए के नोट वाले बॉक्स से बदला जा रहा है। रिजर्व बैंक भी अब इन नोटों की सप्लाई को लगातार कम रहा रहा है ताकि आने वाले समय में इन नोटों को मार्केट से कम किया जा सके।

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प्री प्लानिंग के साथ गायब किए जा रहे हैं मार्केट से नोट

रिजर्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में मार्केट में दो हजार के नोट पर्याप्त मात्रा में थे। उस समय मार्केट में कुल 6 लाख 58 हजार करोड़ रुपए के रूप में दो हजार रुपए के नोट ही चल रहे थे जो वर्ष 2020 में घटकर 4 लाख 90 हजार करोड़ रुपए ही रह गया। यदि सरल शब्दों में कहें तो पहले प्रत्येक एक लाख रुपए में औसतन 32910 रुपए की राशि दो हजार के नोटों में ही होती थी जो वर्ष 2021 में 24510 रुपए ही रह गई। काफी लोगों के अनुसार दो हजार रुपए के नोट की वैल्यू ज्यादा होने के कारण कम स्पेस में ज्यादा करेंसी रखी जा सकती है। संभवत यही कारण है कि ये नोट मार्केट से गायब हो रहे हैं।

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