Indus Water Treaty: सिंधु जल संधि को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का खुलासा
भारत सरकार सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) के तहत अपने जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने के लिए एक रणनीतिक और दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत जम्मू-कश्मीर में जलविद्युत परियोजनाओं (Hydro Projects) में जल भंडारण क्षमता (Water Storage) बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह कदम देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और जल प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
योजना का विवरण
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो जलविद्युत परियोजनाएं अभी शुरुआती चरण में हैं, उनमें जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष डिजाइन और तकनीकी योजनाएं तैयार की जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सिंधु जल संधि के तहत भारत को उपलब्ध जल संसाधनों का इष्टतम और प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सके। खट्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन परियोजनाओं के तकनीकी विवरण पहले ही अंतिम रूप दे दिए गए हैं और जो अभी पाइपलाइन में हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इन परियोजनाओं के डिजाइन और तकनीकी प्रक्रियाओं को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है और उनमें बदलाव करना समय और संसाधनों की बर्बादी हो सकती है।