विधायक संयम लोढ़ा का तंज, खुद सरकारी बंगले का सुख भोग रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने वाले पायलट
जयपुर। भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खिलाफ अब मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने मोर्चा खोल दिया है। सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने गुरुवार को पायलट पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वो भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन खुद सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे हैं। मैंने पेपर लीक का मुद्दा भी विधानसभा में उठाया। लेकिन, पायलट ने मेरा कभी साथ नहीं दिया और अब वो नाखून कटवाकर शहीद बनना चाहते है। लेकिन, प्रदेश की जनता भी अब उन्हें अच्छी तरह समझ चुकी है और उनके उठाए मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है।
सिरोही से निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने गुरुवार को सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कब रूठ जाए पता ही नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक पीतल का गेट है, जहां से सर्वोच्च पदों पर आसीन लोग ही आते-जाते है। लेकिन, जब पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया और उनकी गाड़ी पीतल के गेट से नहीं आ सकी तो वे रूठ गए। इसके बाद सचिवालय की बात आई तो वो मुख्यमंत्री कार्यालय में ही खुद का कमरा बनाने की जिद पकड़ कर बैठे गए। लेकिन, ऐसा हो नहीं सकता था। इसके बाद दूसरी जगह कमरा दिया गया। फिर भी वो रूठे ही रहे।
अब तक सरकारी बंगले का सुख भोग रहे पायलट
उन्होंने पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि डिप्टी सीएम पद से हटने के बाद भी पायलट अब तक सरकारी बंगले का सुख भोग रहे हैं। वो भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन खुद सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे हैं। पद से हटने के एक महीने बाद सरकारी बंगला खाली करना होता है। लेकिन, उन्होंने ऊपर से फोन करवाकर बंगला विधानसभा पूल में डलवा लिया और अब तक सरकारी बंगले में रह रहे है। डिप्टी सीएम पद से हटने के बाद विधानसभा में मेरे बगल में पायलट को सीट आवंटित की गई। लेकिन, यह भी उनको नागवार गुजरा और उन्होंने दिल्ली से फोन करवाकर सीनियरटी नहीं होने के बाद भी पहली पंक्ति में सीट ली।
भ्रष्टाचार के मुद्दों पर पायलट ने कभी नहीं दिया साथ
उन्होंने कहा कि पायलट जिन बीजेपी सरकार के घोटालों का जिक्र कर रहे है, उन मुद्दों को मैं लगातार विधानसभा में उठा रहा हूं। लेकिन, कभी भी वो या उनके गुट को कोई विधायक-नेता हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। पेपर लीक लीक का मुद्दा भी मैंने उठाया। लेकिन, पायलट ने कभी इन मुद्दों पर मेरा साथ नहीं दिया और अब नाखून कटवा कर अब वो शहीद बनना चाहते हैं।
जनता सब जानती है, पायलट को क्यों आई घोटालों की याद?
संयम लोढ़ा ने पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि यह राजस्थान की जनता है और इन सब चीजों को पूरी अच्छी तरह से समझती है कि आपको चुनावी वर्ष में बेरोजगारों की याद क्यों आ रही है। इसलिए अपने आप को पायलट हंसी का पात्र नहीं बनाएं। साथ ही पायलट को नसीहत दी कि पायलट जिस पार्टी में है, उस पार्टी में अनुशासित और मर्यादा में रहकर काम करे। जनसंघर्ष यात्रा के दौरान उनके द्वारा उठाए मुद्दों को भी जनता गंभीरता से नहीं ले रही है।
भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सरकार को घेर रहे पायलट
बता दें कि राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट लगातार अपनी ही सरकार को घेरने में लगे हुए है। पायलट का आरोप है कि वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए के बार-बार पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन, गहलोत सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर पायलट ने 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन किया था। इसके बाद हाल ही में भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे को लेकर अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष पदयात्रा निकाली थी। पायलट ने सरकार के सामने कई मांगे रखी और 15 दिन में मांगे पूरी नही होने पर प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी दी थी।
ये है पायलट की तीन मांगे
पायलट चाहते है कि अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग कर नया सिस्टम बनाएं। एक कानून बनाया जाए और अध्यक्ष व मेंबर्स की नियुक्ति से पहले जांच की जाए, जैसे हाईकोर्ट जज की होती है। जिन युवाओं को पेपर लीक से नुकसान हुआ है, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। वसुंधरा सरकार के दौरान हमने जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, उनकी जांच होनी चाहिए।