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नाबालिग बालिकाएं गलतफहमी में भी दर्ज करा रही रेप के केस, पड़ताल में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

नाबालिग बालिकाओं के साथ भी दुष्कर्म की घटनाओं में राजस्थान एक नंबर पर हैं, लेकिन पुलिस के आंकड़ों की पड़ताल की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
07:38 AM Oct 10, 2023 IST | Anil Prajapat
नाबालिग बालिकाएं गलतफहमी में भी दर्ज करा रही रेप के केस  पड़ताल में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

(ओमप्रकाश शर्मा) : जयपुर। देशभर में राजस्थान में सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं। नाबालिग बालिकाओं के साथ भी दुष्कर्म की घटनाओं में राजस्थान एक नंबर पर हैं, लेकिन पुलिस के आंकड़ों की पड़ताल की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बालिकाओं के साथ होने की वाली दुष्कर्म की घटना के केस गलतफहमी के कारण भी दर्ज हो रहे हैं। पिछले चार साल में दर्ज हुए पोक्सो एक्ट के मामलों मे से 296 प्रकरण बालिकाओं व उनके परिजनों द्वारा आरोपी पक्ष के खिलाफ गलतफहमी में दर्ज कराए हैं।

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हालांकि ऐसे प्रकरणों में पुलिस ने एफआर लगा दी हैं। पड़ताल में सामने आया कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना हुई या फिर नहीं हुई थी, लेकिन सामाजिक दबाव के कारण व किसी बात को लेकर हुए विवाद के कारण दर्ज केस में राजीनामा करना पड़ा। तब पुलिस ने ऐसे मुकदमों में संबंधित पीड़िता द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच में माना है कि बालिका द्वारा गलतफहमी में केस दर्जकराया है।

3 साल में 571 ने किया दुष्कर्म 

प्रदेश में पिछले पांच सालों में बाल अपराध बढ़े हैं। नाबालिग बालक गंभीर अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पिछले तीन साल में नाबालिग बालकों ने नाबालिग बालिकाओं के साथ 571 दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया है। वर्ष 2021 में 291 नाबालिग बालकों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के मुकदमे दर्ज किए हैं, जबकि वर्ष 2022 में 280 बालकों और 2023 में 117 से ज्यादा बालकों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए हैं।

8 फीसदी के करीब केस झूठे 

पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश के थानों में दर्ज होने वाले नाबालिक बालिकाओं के साथ दुष्कर्म की करीब 8 फीसदी मामले झूठे पाए गए हैं। इन मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई है, लेकिन झूठा मुकदमा दर्ज करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वर्ष 2021 में पोक्सो एक्ट के तहत प्रदेश में 3684 मामले दर्ज हुए, जबकि वर्ष 2022 में 4043 और वर्ष 2023 में जून माह तक 2114 केस दर्ज हुए। इनमें से पुलिस ने वर्ष 2021 में 818 मामलों में, वर्ष 2022 में 890 के स और वर्ष 2023 में 343 प्रकरणों को जांच में झूठा मानकर एफआर लगाई है।

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