गोविंद राम मेघवाल का राजेंद्र राठौड़ पर हमला, बोले- 'राजेंद्र राठौड़ पहले वसुंधरा राजे के तलवे चाटते थे'
Govind Ram Meghwal's Rajendra Rathore: राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे है वैसे-वैसे राजनीति पार्टियों और नेताओं का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इस बीच सोशल मीडिया पर आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल का एक बयान खूब वायरल हो रहा है। जिसमें वो नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे है। उन्होंने कहा कि 'राजेंद्र राठौड़ पहले वसुंधरा राजे के तलवे चाटते थे, आज उनके सामने मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में बैठे हैं।'
क्या कह रहे है गोविंद राम मेघवाल
आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को लेकर विवादित बयान दिया। इसमें उन्होंने कहा कि 'राजेंद्र राठौड़ पहले वसुंधरा राजे के तलवे चाटते थे, आज उनके सामने मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में बैठे हैं।' सरकार में मंत्री मेघवाल के इस बयान के बाद अब बीजेपी उनपर हमलावर हो गई है। यह वीडियो सीकर के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति भवन के शिलान्यास समारोह का है।
तलवे चाटने वाले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनते हैं
मंत्री मेघवाल नेछवा पंचायत समिति के भवन का शिलान्यास करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मेघवाल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राजेंद्र राठौड़ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया के बीजेपी में शामिल होने को लेकर सवाल उठाया गया। इसके जवाब में मंत्री मेघवाल ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ पहले वसुंधरा राजे के तलवे चाटते थे और अब मुख्यमंत्री के दावेदार बन गये हैं।
जो भी भाजपा में आएगा, उसे भट्ठी में जला दिया जाएगा।
मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी में रहा हूं। इसलिए बीजेपी के बारे में मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी वह भट्ठी है, जो कोई इसमें प्रवेश करेगा वह जलकर भस्म हो जायेगा।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2008 में जब बीजेपी ने मेरा टिकट काट दिया तो मैं कांग्रेस में शामिल हो गया और आज पार्टी ने मुझे कैबिनेट मंत्री बना दिया. बीजेपी ने मेरी राजनीतिक हत्या कर दी. उन्होंने कैलाश मेघवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वह 1968 से आरएसएस से जुड़े थे। उन्हें खुद पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था।