होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

मंत्री बीडी कल्ला ने इंदिरा रसोई का किया औचक निरीक्षण, भोजन का लिया स्वाद

12:51 PM Jan 20, 2023 IST | Jyoti sharma

अलवर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ बी.डी. कल्ला इस समय जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने यहां मालवीय नगर स्थित इंदिरा रसोई का आज औचक निरीक्षण किया और रसोई में मिलने वाले भोजन की क्वालिटी को जांचा परखा। उन्होंने यहां बकायदा टोकन लेकर भोजन भी किया। इसके अलावा उन्होंने भोजन कर रहे लोगो से बातचीत कर खाने की गुणवत्ता की जानकारी ली।

इस पर खाना खा रहे लोगों ने मंत्री को भोजन की क्वालिटी को अच्छा बताया। प्रभारी मंत्री डॉ कल्ला ने 51 लोगों को भोजन करने के लिए 25 रूपये की दर से कूपन कटाए और 1275 रूपये का मंत्री ने भुगतान किया और कहा कि आज आने वाले 51 लोगों को निशुल्क भोजन कराया जाए। प्रभारी मंत्री, जिला कलेक्टर समेत वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भोजन कर गुणवत्ता को परखा। बीडी कल्ला ने खाने की क्वालिटी और साफ सफाई की सराहना की।

प्रबोधक संघ ने 6 सूत्रीय मांग को लेकर बीडी कल्ला को ज्ञापन दिया

वहीं अलवर प्रबोधक संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि प्रबोधक संवर्ग के कार्मिकों की पदोन्‍नति की मांग को पूरा करते हुए 14 जून 2021 को प्रबोधक तृतीय श्रेणी की पदोन्‍नति वरिष्ठ प्रवोधक द्वितीय श्रेणी पद पर पात्र 10392 बी.एड, बीपीएड योग्यताधारी प्रबोधकों में से 5000 पद स्वीकृत किये गये थे, जिसके निदेशालय प्रारम्मिक शिक्षा, बीकानेर द्वारा पदोन्‍नति के आदेश 30 जून 2022 को जारी किए गए। जिसे निदेशक बीकानेर की ओर से गलत होने के कारण आदेश 18 जुलाई 2022 को वापस ले लिया गया था।

अब निदेशक प्रा.शि. की ओर से अपने प्रत्याहरित आदेशों के आधार पर ही पदोन्‍नति पर कार्यग्रहण करने के लिए प्रबोधकों पर जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से आदेश जारी कर दबाव डाला जा रहा है। आदेशों में प्रबोधकों के कार्य दायित्व गलत तरीके से निर्धारित किये गये हैं। लेकिन निदेशक की ओर इनमें संशोधन नहीं किया जा रहा हैं। इस संदर्भ में अनेकों बार निदेशक अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा और शिक्षा मंत्री को मिलकर और ज्ञापन देकर कर अपनी वेदना से अवगत कराया। जिसके कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आए।

Next Article