फसलों को बारिश और ओले से बचाएगा नया सिस्टम, मौसम बिगड़ने से पहले ही किसानों को मिल जाएगी जानकारी
weather system : जयपुर। मौसम विभाग प्रदेशभर के किसानों को लोकल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे किसानों को ओलावृष्टि, बारिश और आंधी की पहले ही जानकारी मिल जाएगी। ऐसे में किसान सतर्क हो जाएगा और फसल की सुरक्षा कर पाएगा।
राजधानी स्थित मौसम केंद्र में शनिवार को ‘वेदर फोरकास्ट और अर्ली वार्निंग सिस्टम’ पर हुई वर्कशॉप में निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि विभाग वॉट्सऐप ग्रुप नेटवर्क पर प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा किसानों को जोड़ रहे हैं, ताकि उनको 4-5 दिन पहले ही आगामी मौसम की सूचना दी जा सके। वर्कशॉप में आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल भी मौजूद रहे।
ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम से मिलती है जानकारी
जयपुर मौसम केंद्र में ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम भी लगा हुआ है। जिससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान मापने, बारिश का मेजरमेंट, विंड डायरेक्शन, स्पीड सहित वातावरण में नमी की रिपोर्ट तैयार होती है। ये रिपोर्ट 15 मिनट में तैयार होकर मौसम केंद्र के सर्वर पर अपलोड होकर वेबसाइट पर आ जाती है। इसे कोई भी व्यक्ति वेबसाइट पर देख सकता है।
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10-15 साल से सटीक होने लगी मौसम की भविष्यवाणी
मौसम केंद्र दिल्ली के डिप्टी जनरल मैनेजर चरण सिंह ने कहा कि अक्सर लोगों को ऐसा लगता है कि मौसम विभाग का अलर्ट सच नहीं होता है। लेकिन, पिछले 10-15 साल से मौसम विभाग की भविष्यवाणी बहुत ज्यादा सटीक होने लगी है। उन्होंने कहा कि हम ग्लोबल लेवल पर मिले करंट और पुराने डेटा का एनालिसिस करने के बाद मौसम के बारे में भविष्यवाणी करते है। एक से तीन महीने तक की भविष्यवाणी करंट और पुराने डेटा पर निर्भर होती है।
मार्च में ओले-बारिश से किसानों को काफी नुकसान
गौरतलब है कि मार्च में बारिश और ओलावृष्टि ने फसल खराब कर दी। अगर किसान को मौसम विभाग से पहले पता चल जाता तो फसल तबाही कम होती। कई जगह तो दो से चार बार तक बारिश के साथ ओले गिरे है। इससे चने और सरसों की करीब अस्सी फीसदी फसल खराब हो गई है। ओले गिरने से सरसों की फलियों के दाने बिखर गए। गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई है। दाने काले पड़ने का डर है। जौ, चना और सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ हैं। कई जगह तो इतने ओले गिरे की पूरी की पूरी फसल खराब हो गई।