कोटा में नीट की तैयारी कर रहे बिहार के छात्र ने खुद को लगाई आग, पिता को छोड़कर लौटते ही उठाया कदम
कोटा। देश के एजुकेशन हब कोटा में एक स्टूडेंट ने आत्मदाह का प्रयास किया है। यहां बिहार से मेडिकल की तैयारी करने आए एक छात्र ने खुद पर केरोसिन छिड़कर आग लगा ली। जवाहर नगर थाना इलाके में रहकर 2 महीने से नीट की तैयारी कर रहे मयंक से मिलने के लिए उसके पिता यहां आए हुए थे। पिता के छोड़कर वापिस रूम पर लौटते ही छात्र मंयक ने जान देने की कोशिश की। गंभीर हालत में उसे एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया है। बता दें कि कोटा में पिछले एक साल में करीब 2 दर्जन स्टूडेंट आत्महत्या कर चुके हैं।
डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि मयंक (20) बिहार के पश्चिमी चंपारण के बांकुली का निवासी है। मयंक के पिता संजय कुमार बिहार में प्रिंटिंग वर्क का काम करते हैं। मयंक के पिता संजय बुधवार सुबह उससे मिलने आए थे। दोपहर तक वे यहां पर रुके थे। इस दौरान पिता ने मयंक से पढ़ाई को लेकर बातचीत की। पिता संजय ने मयंक से पढ़ाई पर फोकस करने का कहा था। पिता की इतनी सी बात से मयंक नाराज हो गया। जब वह अपने पिता को छोड़कर दोबारा रूम पर आया और खुद पर केरोसिन डाल आग लगा दी। आग लगते ही मयंक मदद के लिए चिल्लाने लगा। मयंक की आवाज सुनकर पीजी संचालक कमरे में आए तो वह झुलसा हुआ था। इस पर उसे कोटा के डिस्ट्रीक्ट हॉस्पिटल लेकर आए। इधर, परिजन मयंक को गुरुवार सुबह इलाज के लिए पटना लेकर रवाना हो गए।
छात्र मयंक के पिता संजय का कहना है कि वह अपने बेटे से मिलकर काफी खुश थे और दोनों ने साथ में खाना खाया। इसके बाद वह दिल्ली के लिए निकल गए। बेटे से मिलकर वह कोटा रेलवे स्टेशन पहुंचे थे कि फोन आया। बताया गया कि उनके बेटे ने खुद को आग लगा ली है। पिता वापस बेटे के कमरे पर पहुंचे। तब तक मयंक को अस्पताल ले जाया जा चुका था। छात्र की हालत गंभीर बनी हुई है।
पिता संजय का कहना है कि उनका बेटा पढ़ाई में भी अच्छा है और उसके ऊपर किसी भी तरह का परिवार की तरफ से कोई दबाव भी नहीं था। पिता संजय ने बताया कि वे बुधवार को ही अपने बेटे से मिलने दिल्ली से कोटा पहुंचे थे। मयंक 12वीं पास कर 2 महीने पहले ही कोटा आया था। वहां नीट की पहले कोचिंग कर चुका था। सोचा कि कोटा में पढ़ाई का माहौल है तो उसे यहीं भेज दिया। और, यहां रूम लेकर पढ़ाई करने लगा। ऐसे में यह समझ से परे है कि उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।