प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज, 2024 तक सभी में शुरू हो जाएगी पढ़ाई
जयपुर। राजस्थान के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में लाइफ ऑफ साइंस एग्जीबिशन का उद्घाटन किया गया। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने इसका उद्घाटन किया। 20 से 28 फरवरी तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एकेडमिक ब्लॉक में इस एग्जीबिशन का आयोजन होगा। इस एग्जीबिशन में सभी विभागों द्वारा मेडिकल साइंस से जुड़ी जानकारियों को आसान भाषा में आमजन को दी जाएगी। इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, आज गर्व से कह सकते हैं कि हमारा एसएमएस मेडिकल कॉलेज देश के टॉप इंस्टिट्यूट में आता है और राजस्थान के हर जिले में मेडिकल कॉलेज है। 2024 तक सभी मेडिकल कॉलेज मैं पढ़ाई शुरू हो जाएगी और प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी नहीं रहेगी। इस दौरान आरयूएसएच के कुलपति डॉ सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा, डॉ. गोवर्धन मीणा समेत में डॉक्टर्स मौजूद थे।
मेडिकल स्टडी के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं…
मीडिया से मुखातिब होते हुए चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले सिरोही गया था। वहां मेडिकल कॉलेज में बच्चों के बारे में पूछा कि ये कहां से आए हैं। इस दौरान मुझे जानकारी मिली कि सभी बच्चे राजस्थान के ही हैं, सिर्फ एक हरियाणा का था। ऐसे में अब हमारे बच्चों को भी मेडिकल स्टडी के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं। हमने स्वास्थ्य प्रणाली को इस तरह विकसित किया है, जिससे लोगों को सभी तरह की बीमारियों का इलाज मिल सके। अब चिरंजीवी बीमा योजना भी 25 लाख रुपए तक कर दी है और सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर भी इलाज कराया जा सकता है।
लोगों ने जाना, कैसे डलता है हार्ट में स्टेंट
एग्जीबिशन में सभी 44 विभागों ने स्टॉल लगाई है। आयोजन सचिव डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि इस दौरान कार्डियोलॉजी विभाग ने लोगों को प्रजेंटेशन से बताया कि हार्ट में ब्लॉकेज होने पर किस तरह स्टेंट डाला जाता है। वहीं बॉडी डोनेशन, मनोचिकित्सा विभाग ने आईक्यू व व्यक्तित्व की जाँच व तनाव प्रबंधन बायो फीडबैक द्वारा सिखाया गया। एग्जीबिशन की संयोजक डॉ. मोनिका जैन ने बताया कि फार्माकॉलोजी विभाग विभिन्न दवाइयों को काम में लेने, रखने एवं उनके दुष्प्रभाव से जुड़ी जानकारी मॉडल पोस्टर एवं विभिन्न खेलों के द्वारा साझा किए माइक्रोबायोलॉजी विभाग शरीर में होने वाले संक्रमण में सूक्ष्म जीवाणु जैसे वायरस आदि की जाँच कैसे की जाती है एवं उनसे बचाव के उपाय दर्शाए हैं। पिछली करोना महामारी में पीसीआर एवं जीन सीक्वेंस के माध्यम से करोना वायरस भयावता एवं दुष्प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है वो भी दिखाया गया है। डॉ. धीरज सक्सेना ने बताया कि इस दौरान एग्जीबिशन में नर कंकाल और अन्य अंगों को भी प्रदर्शित की मानव संरचना की जानकारी दी गई।