MBBS स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर, अब OBC-MBC के नॉन क्रीमीलेयर स्टूडेंट की नहीं लगेगी ट्यूशन फीस
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक लगाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेडिकल कॉलेज के छात्रों को बड़ी राहत देते हुएओबीसी और एमबीसी वर्ग के नॉन क्रीमिलियर अभ्यर्थियों की एमबीबीएस (MBBS) की सरकारी सीटों पर ट्यूशन फीस करने का फैसला किया है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये महत्वपूर्ण फैसला किया गया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल छात्रों की ट्यूशन फीस माफ करने के आदेश जारी कर दिए है।
बता दें चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ही ये प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा था। कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एमबीसी, ओबीसी, एससी और एसटी श्रेणी से आने वाले नॉन क्रीमी लेयर छात्रों की ट्यूशन फीस माफ कर दी है।
अभ्यर्थियों को 60 हजार से ज्यादा का होगा फायदा
बता दें, गहलोत सरकार के इस फैसले से इन वर्गों के अभ्यर्थियों को करीब 60 हजार रुपये की ट्यूशन फीस माफ हो सकेगी। प्रदेश में ट्यूशन फीस में माफी की सुविधा सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्रों को मिल सकेगी। इससे एमबीसी और ओबीसी श्रेणी के नॉन क्रीमी लेयर छात्रों को काफी राहत मिलेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे लेकर एक कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया था। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर अनुमोदन किया गया और अब चिकित्सा विभाग ने ट्यूशन फीस माफ करने को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य में अभी तक मेडिकल की पढ़ाई करने वाली एसटी, एससी, ईबीसी और महिला की फीस माफी लागू रही है।
अभ्यर्थियों की सरकारी सीटों पर माफ रहेगी ट्यूशन फीस
कैबिनेट बैठक में तय हुआ कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल सोसायटी तथा राजमेस की ओर से संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में एमबीसी और ओबीसी वर्ग के नॉन क्रीमिलियर अभ्यर्थियों की सरकारी सीटों पर ट्यूशन फीस माफ रहेगी। अभ्यर्थियों को सत्र 2022-23 से छूट का लाभ मिल सकेगा। फीस संरचना में एकरूपता आने से विद्यार्थियों को प्रवेश के समय काउसंलिग संबंधी निर्णय लेने में सुविधा होगी।
30 हजार छात्रों को मिलेगा मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना का लाभ…
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के अंतर्गत लाभान्वितों की संख्या 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इस योजना के लिए गहलोत ने 56.40 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान का अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण कोचिंग प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध होंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों को प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की फ्री तैयारी कराने के उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना में पहले लाभार्थियों की संख्या 15 हजार थी। जिसे 2023-24 के बजट में बढ़ाकर 30 हजार कर दिया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के बाद इसे धरातल पर उतार दिया है।