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अनंतनाग में शहीद हुए चूरू के लाल को अंतिम विदाई, पिता गर्व से बोले-'4 बेटे होते तो भी सेना में भेजता'

14 आरआर के लांस नायक योगेश कुमार 9 साल पहले खेल कोटे से सेना में भर्ती हुए थे। इकलौते बेटे के शहीद होने पर पिता पृथ्वी सिंह ने कहा कि अगर मेरे 4 बेटे भी होते तो सभी को देश सेवा में भेजता। अब पोते को भी सेना में भर्ती करने के लिए तैयार करूंगा।
12:43 PM Sep 18, 2023 IST | Sanjay Raiswal

चूरू। मेरे 4 बेटे भी होते तो सभी को देश सेवा में भेजता…अब पोते को सेना में भर्ती करने के लिए तैयार करूंगा…। ये उस पिता का दर्द है जिसका बेटा देश के शहीद हो गया। पिता ने अपने इकलौते बेटे पर गर्व करते हुए कहा-हमारा परिवार देश के लिए काम कर रहा है। दरअसल, आतंकियों के सफाए के लिए अनंतनाग में चल रहे सेना के ऑपरेशन में आतंकवादियों से लड़ते हुए चूरू के रहने वाले लांस नायक योगेश कुमार शनिवार को शहीद हो गए। शहीद लांस नायक योगेश कुमार का सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पिता बोले-मेरे 4 बेटे भी होते तो सभी को देश सेवा में भेजता...

योगेश के शहीद होने की जानकारी मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई। 14 आरआर के लांस नायक योगेश कुमार 9 साल पहले खेल कोटे से सेना में भर्ती हुए थे। इकलौते बेटे के शहीद होने पर पिता पृथ्वी सिंह ने कहा कि अगर मेरे 4 बेटे भी होते तो सभी को देश सेवा में भेजता। अब पोते को भी सेना में भर्ती करने के लिए तैयार करूंगा।

योगेश के दादा भी सेना में थे

शहीद योगेश कुमार के चाचा रणधीर सिंह ने बताया कि साल 2013 में योगेश कुमार स्पोट्स कोटे से हवलदार के पद पर 18 केवलरी बटालियन (आई) में भर्ती हुए थे। योगेश के दादा भी सेना में थे।

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों को लेकर सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान शनिवार की रात योगेश कुमार पहाड़ी के ऊपर तैनात थे। करीब देर रात 12 बजे के आसपास आतंकवादियों से उसकी सीधी मुठभेड़ हुई। आतंकियों की गोली लगने से योगेश शहीद हो गए। सेना के अधिकारी कैप्टन दिलीप सिंह ने बताया कि शहीद योगेश का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह 9:30 बजे दिल्ली और करीब 2.30 बजे राजगढ़ पहुंचने की संभावना है।

शहीद योगेश के एक बेटा और एक बेटी

पृथ्वी सिंह के घर जन्म लेने वाले शहीद योगेश अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। वो सेना के 18 केवलरी बटालियन से 14 राष्ट्रीय राइफल में डेपुटेशन पर तैनात थे। शनिवार रात को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए उन्होंने शहादत दी। योगेश अपने पीछे एक बेटा (4) और एक बेटी (9 माह) को छोड़ गए हैं। योगेश की पत्नी स्वास्थ्य विभाग में जीएनएम पद पर कार्यरत है।

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