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मरीजों के मंदिर में कर्मचारी दे रहा ‘स्थान’ पर इलाज का ‘मंतर’

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में ‘मंत्र प्रभाव’ दिखा।
07:44 AM May 14, 2023 IST | Anil Prajapat

Sawai Mansingh hospital : जयपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में ‘मंत्र प्रभाव’ दिखा। एक ओर जहां अस्पताल का कर्मचारी ही मरीज को डॉक्टर के पास जाने के बजाय मंत्र से ठीक करने की ‘गोली’ देता नजर आया, वहीं दूसरी ओर सर्वर खराब होने से लाइन में परेशान लोगों को वहां कार्यरत कर्मचारी कल आने का ‘मंत्र’ देते नजर आए। शनिवार को एसएमएस अस्पताल में हैरान कर देने वाली तस्वीर नजर आई। जहां, अस्पताल में डॉक्टर नहीं बल्कि तांत्रिक मरीज का इलाज करते हुए नजर आए। अस्पताल प्रशासन पूरे मामले को लेकर बेखबर रहा। अस्पताल की ओपीडी में पहुंची एक 16 वर्षीय किशोरी के सिर पर हाथ रखकर एक व्यक्ति कुछ मंत्र पढ़ता हुआ नजर आया और परिजनों को मरीज को डॉक्टर के पास नहीं ले जाकर उससे इलाज करवाने की सलाह देता नजर आया। 

शनिवार को अस्पताल की ओपीडी में करीब 16 साल की किशोरी बेसुध हालात में ट्रॉली में लेटे हुए अपने परिजनों के साथ डॉक्टर को दिखाने पहुंची थी। इसके बाद अस्पताल में पहले से मौजूद एक व्यक्ति, जिसने गले में अस्पताल का आई-कार्ड पहन रखा था, उसने डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले ही मरीज व उसके परिजनों को रोक लिया और लड़की के सिर पर हाथ रखकर कुछ देर आंख बंद कर कुछ मंत्र पढ़कर फूंक मारी। इसके बाद परिजनों को सलाह दी कि यह डॉक्टर्स का मामला नहीं हैं। इसे मेरे स्थान पर लेकर आना वहां यह सही हो जाएगी।

अस्पतालकर्मी बताया जा रहा तांत्रिक!

अस्पताल के अन्य कर्मचारियों से पूछने पर बताया कि यह मंत्र फूं क कर इलाज देने वाला अस्पताल में ही सुपरवाइजर के पद पर तैनात है, जिसका नाम अन्य कर्मचारियों ने देवा बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह इस तरह से कई मरीजों को इलाज करता है। कई लोग इसके पास आते है जो इसके जान पहचान के होते हैं या फिर किसी से इसके बारे में पूछकर चले आते हैंं। उन्हें यह ऐसे ही देखता है और स्थान पर बुलाकर मंत्रों से इलाज करने का दावा करता है!

अंधविश्वास और सुरक्षा पर सवाल

अगर ऐसा है तो प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी ही अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों की सुरक्षा व अंधविश्वास में अनहोनी होने की घटनाओ की संभावनाओं पर सवाल उठने लगे हैं। मामले को लेकर अस्पताल के अति. अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है और ना ही किसी मरीज ने शिकायत की है। जांच करवा लेते हैं, अस्पताल का कर्मचारी है तो कार्रवाई करेंगे। 

सर्वर डाउन, मरीजों की कतार 

उधर, एसएमएस अस्पताल में नए आईएचएमएस सॉफ्टवेयर की शुरुआत के बाद एक बार फिर सर्वर डाउन हो गया। इससे मरीजों को 3 घंटे परेशान होना पड़ा। मरीज डॉक्टर्स को नहीं दिखा पाए। रजिस्ट्रेशन काउंटर, बिल काउंटर पर कर्मचारी उन्हें सोमवार को दिखाने आने का मंत्र देते रहे। सर्वर सुबह 9:50 से दोपहर 1:16 तक डाउन रहा और 2 बजे ओपीडी का समय पूरा हो गया।

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