मलमास में वर्जित होंगे मांगलिक कार्य, सूर्यदेव और बृहस्पति का प्रभाव होगा कम
Kharmas 2023 : शास्त्रों के अनुसार खरमास या मलमास लगने पर शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। इस दौरान विवाह, सगाई, मुंडन ,गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इस समय कोई भी नया काम नहीं कर सकते। आज 15 मार्च से मलमास की शुरुआत हो गई है। यह 14 अप्रैल तक रहेगा। पंचांग के आधार पर सूर्य देव जब मीन राशि या धनु राशि में गोचर करते हैं,तब मलमास लगता है। स्थानीय भाषा में इसे तारा लगना भी कहते है। सूर्य आज सुबह 6 बजकर 47 मिनिट पर मीन राशि में चले गये हैं। 14 अप्रैल को सूर्य ,मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेगें ,तब मलमास समाप्त होगा। मलमास एक माह तक रहेगा। मलमास या खरमास के समय सूर्यदेव और बृहस्पति का प्रभाव कम हो जाता है।
मलमास के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं लेकिन पूजा-पाठ करने पर रोक नहीं है। इस समय विशेष पूजा -आराधना या जाप करने से ग्रह दोष दूर किए जा सकते हैं। सूर्य और बृहस्पति के प्रभाव में वृद्धि होगी। इसके साथ ही मां दुर्गा,हनुमान जी और भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है।
श्रीराम , मां दुर्गा, हनुमान की आराधना से दूर होंगे ग्रह दोष
1-मलमास या खरमास चैत्र माह में लगा है। इस माह में भगवान राम ,सूर्यदेव ,मां दुर्गा और हनुमानजी की आराधना की जाती है। इस समय इन सभी देवी-देवताओं की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2-मलमास के दौरान सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव की आराधना करें। सूर्यदेव को अर्ध्य देते समय जल में लाल चंदन,और गुड़ डालें और सूर्य मंत्र का जाप करें। इस महिने लाल वस्त्र,गुड़,तांबा और गेहूं का दान करें । इससे सूर्य से संबंधित दोष दूर होगें और जीवन में सकारात्मकता बढ़ेगी।
3-मीन राशि का स्वामी गुरु है। सूर्य का गोचर मीन राशि में होने से मलमास लगा है। इस महिने में आप गुरु के मंत्र का और गुरु चालीसा का जाप करें । इसके साथ ही हल्दी,पीले वस्त्र और चने का दान करें। गुरु या बृहस्पति के प्रभाव में बढ़ोतरी होगी।
4-चैत्र में बजरंग बली की आराधना की जाती है ।इस माह में हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। बजरंग बली का पूजन करने से पहले भगवान श्रीराम का ध्यान जरुर करें।
5-चैत्र मास के दौरान तुलसी की पूजा करना और दीपक जलाना अच्छा मानते हैं। इसके साथ ही माता-पिता का आशीर्वाद लें और बड़े -बुजुर्गों का सम्मान करें। ये सकारात्मक कार्य व्यक्ति को सुख-समृद्धि की ओर ले जाते हैं।