महाशिवरात्रि : दिन में 3 बार रंग बदलता है यह चमत्कारी शिवलिंग, जानिए क्या है इसका रहस्य
आज पूरे देश में बेहद धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। देश के हर राज्य के हर मंदिर में आज भक्त अपनी अर्जी लेकर अपने आराध्य के दरबार में पहुंच रहे हैं। महाशिवरात्रि को ही महादेव की शादी हुई थी। इस अवसर पर कई प्रचीन कथाएं आप सुन या देख रहे होंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बता रहे हैं जिसका जिक्र न सिर्फ ग्रंथों में है बल्कि आज भी इसका चमत्कार लोगों को हैरान कर देता है।
धौलपुर में चंबल के बीहड़ों में मौजूद है 1000 साल पुराना यह चमत्कारी मंदिर
यह कहानी एक ऐसे शिवलिंग की है जो दिन में 3 बार अपना रंग बदलता है। यह प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर धौलपुर में जिला मुख्यालय पर चंबल नदी के बीहड़ों में मौजूद है जो कि करीब 1000 साल पुराना है। यहां लोग ही नहीं बल्कि सर्प भी पूजा अर्चना करने के ले आते हैं। यह शिवलिंग जमीन में कितना गहरा है, इसका भी आज तक कोई पता नहीं लगा सका है।
पुराने समय मे बीहड़ में डकैत होने की वजह से लोग यहां बेहद कम आते थे। लेकिन जैसे-जैसे स्थितियां बदलने लगी वैसे वैसे दूर-दूर से लोग यहां भगवान शिव के दर्शन करने आने लगे। ऐसा कहा जाता है कि यह शिवलिंग सुबह के समय लाल, दोपहर में केसरिया और रात को सांवला हो जाता है। इस मंदिर को अचलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
वैज्ञानिक तक पता नहीं लगा पाए रहस्य
अचलेश्वर महादेव मन्दिर के पुजारी मनोज दास बाबा का कहना है कि यह शिवलिंग दिनभर में तीन बार अपना रंग क्यों बदलता है वैज्ञानिक भी अब तक इस बात का पता नहीं लगा सके हैं। कई बार रिसर्च की गई। लेकिन चमत्कारी शिवलिंग के रहस्य से पर्दा अब तक नहीं उठ पाया है। इस अद्भुत अचलेश्वर महादेव मंदिर में लोगों की काफी श्रद्धा और आस्था है। कहते हैं कि इस रहस्यमयी शिवलिंग के दर्शन करने मात्र से इंसान की सभी इच्छाएं पूरी होती है और जीवन की सभी तरह की तकलीफ दूर हो जाती हैं। महादेव के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां कुंवारे लड़के और लड़कियां अपने मनचाहे जीवनसाथी की कामना ले कर आते हैं और शिवजी उसे पूरा करते हैं।
महादेव की पूजा करता है 10 फीट का सर्प
मान्यता है कि यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। अविवाहित यहां 16 सोमवार जल चढ़ाते हैं तो उन्हें मनचाहा जीवन साथी मिल जाता है। साथ ही विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती है। वहीं श्रद्धालु बताते हैं कि शिवलिंग के पास दस फीट का सर्प आता हैं और शिवलिंग की परिक्रमा देकर चला जाता हैं, लेकिन ये सर्प किसी को टच तक नहीं करता है। धौलपुर शहर से 5 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे बीहड़ोंं में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर को करीब एक हजार वर्ष पुराना बताया जाता है। शिवलिंग की खुदाई प्राचीन समय में राजा-महाराजाओं ने भी कराई। लेकिन शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिलने पर खुदाई बंद का दी गई। ऐसे में शिव भक्त इस मंदिर में हमेशा हर हर महादेव के जयकारे लगाते है।