पाले से खराब फसलों के लिए मावठ बनी मरहम तो ओलों का बरपा कहर
प्रदेश में मावठ के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलों में भारी नुकसान हुआ है। जिसको लेकर कृषि विभाग ने कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को गिरदावरी के निर्देश दिए हैं। साथ ही विभाग ने किसानों को फसल खराबे की सूचना बीमा कम्पनी को 72 घंटे में देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिन स्थानों पर बारिश हुई है वहां बारिश फसलों के लिए लाभदायक मानी जा रही है। गेहूं और चने जैसी कुछ फसलें जो कि पिछले दिनों तेज सर्दी और पाले के कारण खतरे में पड़ गई थी उनको भी मावठ नया जीवनदान देगी। उदयपुर संभाग में हुई ओलावृष्टि को लेकर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से उदयपुर संभाग में सर्वाधिक फसलों में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पाले से बचाने के लिए लगातार अलर्ट जारी किया गया था। ओलावृष्टि के लिए भी मौसम विभाग बार-बार अलर्ट जारी कर रहा था लेकिन इतनी तबाही का अंदाजा नहीं लगाया था। मंत्री ने बताया की ओलावृष्टि के साथ साथ सिरोही, जालोर की तरफ से जो तेज हवा चली थी उससे खड़ी फसलें जमीं पर लेट गई है। इससे भी फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
बारिश से इन फसलों में फायदा
रबी सीजन में अभी सबसे बड़ी क्रॉप गेहूं की है। जिसको बारिश से फायदा बताया जा रहा है। चने की फसल और खेतों में खड़ी सरसों, जौ, तारामीरा को भी इस बारिश से फायदा होगा। जीरा और इसबगोल भी रबी की प्रमुख फसल मानी जाती है लेकिन अभी तक उनमे भी नुकसान की सूचना नहीं है।वहीं सभी कृषि पर्यवेक्षक, कृषि अधिकारियो, राजस्व अधिकारियों और बीमा कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो नुकसान का आकलन करें।