होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

आम रस पीने से बिगड़ी भगवान जगन्नाथ की तबीयत, डॉक्टरों ने 15 दिन क्वारंटाइन में भेजा

आपने लोगों को बीमारी होते तो देखा और सुना होगा। लेकिन, क्या कभी ये सुना है कि भगवान भी बीमार होता है? दरअसल, इन दिनों कुछ ऐसा ही चल रहा है।
11:32 AM Jun 06, 2023 IST | Anil Prajapat

Lord Jagannath : जयपुर। आपने लोगों को बीमारी होते तो देखा और सुना होगा। लेकिन, क्या कभी ये सुना है कि भगवान भी बीमार होता है? दरअसल, इन दिनों कुछ ऐसा ही चल रहा है। बताया जा रहा है कि आम का रस पीने से भगवान जगन्नाथ जी की तबीयत बिगड़ गई है और वैद्य उनका उपचार करने में लगे हुए है। तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने भगवान जगन्नाथ जी को 15 दिन के लिए क्वारंटाइन में भेज दिया है। लेकिन, लोगों की बीच यह कौतूहल का विषय बना हुआ है कि क्या भगवान भी कभी बीमार होते है?

पुजारियों का कहना है कि पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ ने स्नान करने के बाद आम का रस पीया था। जिसके कारण उनकी तबीयत खराब हो गई है। डॉक्टरों उनके इलाज में जुटे हुए है। 15 दिन तक भगवान जगन्नाथ का इलाज चलेगा और वो 15 दिनों तक मंदिरों में क्वारंटाइन रहेंगे। मंदिरों में भी पुजारी और वैद्य के अलावा किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। भगवान के इलाज में किसी प्रकार व्यवधान उत्पन्न ना हो, इसके लिए मंदिर में सुबह-शाम पुजारी और वैद्य को ही आने-जाने की इजाजत है।

देशभर के मंदिरों में कुछ ऐसा ही हाल…

दरअसल, भगवान के बीमार होने वाला ये मामला अकेले एक मंदिर का नही है। राजस्थान सहित देशभर के जगन्नाथ मंदिरों में इन दिनों कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां स्नान के बाद आमरस का सेवन करने से भगवान जगन्नाथ जी तबीयत बिगड़ गई और डॉक्टरों की सलाह पर वो 15 दिन के लिए क्वारंटाइन हो गए है।

ये है पौराणिक मान्यता

इसके पीछे मान्यता ये है कि ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान जगन्नाथ जी, भाई बलराम और बहन सुभद्रा को 108 घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है। ठंडे पानी से स्नान के बाद जगन्नाथ जी बीमार हो जाते हैं। इसलिए उन्हें 15 दिन तक एकांतवास में रखा जाता है। इस अवधि के दौरान वैद्य उनका उपचार करते है। यह प्रथा आज भी निभाई जा रही है और 15 दिन तक मंदिर के कपाट भी भक्तों के लिए बंद रहते है। राजस्थान के अलवर स्थित जगन्नाथ मंदिर सहित प्रदेशभर में मंदिरों में इन दिनों जगन्नाथ जी एकांतवास में है।

15 दिन बाद निकाली जाती है भव्य रथयात्रा

15 दिन एकांतवास के बाद भगवान जगन्नाथ गर्भगृह से बाहर आते है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है और 10 दिन तक उत्सव जैसा माहौल रहता है। सभी जगह अलग-अलग दिन रथयात्रा निकाली जाती है। ओडिशा के पुरी में हर साल आषाढ़ माह में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है, जो आकर्षण का केंद्र होती है। इस बार पुरी में 20 जून को जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकाली जाएगी। वहीं, राजस्थान के अलवर में पुरी की तर्ज पर 27 जून को ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी। मान्यता है कि भगवान गर्भ गृह से प्रजा का हाल जानने के लिए निकलते हैं। कहा जाता है कि जो भी रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचते है, उन्हें 100 यज्ञ के समान पुण्य मिलता है और जो रथयात्रा में शामिल होते है उनके तमाम कष्ट खत्म हो जाते हैं।

ये खबर भी पढ़ें:-’76 लाख का डेटा लेकिन सिलेंडर पर सब्सिडी 14 लाख को ही क्यों मिली’? BJP ने पूछा सवाल

Next Article