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'अकेलापन, प्रेशर…कंपीटिशन…' इस एक्ट्रेस ने बताई कोटा कोचिंग की हकीकत, बोलीं - बच्चे हो जाते हैं आइसोलेट

'ये पूरी तरह से मेरी राय है। मैं जानती हूं कि वहां कितनी पढ़ाई और मेहनत लगती है, उसकी रिस्पेक्ट भी है, लेकिन मुझे वहां बहुत अकेलापन महसूस होता था।
06:45 PM Sep 19, 2023 IST | Kunal Bhatnagar

Kritika Kamra on Kota Suicide: "ये पूरी तरह से मेरी राय है। मैं जानती हूं कि वहां कितनी पढ़ाई और मेहनत लगती है, उसकी रिस्पेक्ट भी है, लेकिन मुझे वहां बहुत अकेलापन महसूस होता था। आप बस वहां लगातार एग्जाम ही एग्जाम दिए जा रहे हैं, इतना प्रेशर, इतना कंपीटिशन.. वो दुनिया आप पर दवाब बनाए जा रहा है।'

यह बात कभी कोटा में पढाई करने के लिए पहुंची एक्टर्स कृतिका कामरा ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान कही है। उन्होने कोटा की उस लाइफ के बारे में अपना एक्स्पीरियंस शेयर किया जिसके कारण स्टूडेंट लगातार कोटा में सुसाइड कर रहे है। हाल ही में कृतिका कामरा अपनी नई सीरीज 'बंबई मेरी जान' को काफी चर्चाओं में है।

कभी कोटा में रही थी कृतिका

एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर्स कृतिका कामरा ने अपने कोटा के एक्स्पीरियंस के बारें में बातें साझा करते हुए कहा कि मेरा एक्स्पीरियंस कोटा में बहुत कम समय का रहा है। मैंने अपने बोर्ड में 96 पर्सेंट स्कोर किए थे। मुझे मेडिकल करना था और उसी की तैयारी के लिए मैं कोटा गई हुई थी'

कोटा में अकेलापन

कृतिका ने बताया कि कोटा में रहने के एक से डेढ़ महीने के बाद उन्हें ऐसा महसूस हो गया था कि उन्हें कुछ और करना है। कोटा में बिताएं अपने समय के बारे में वह कहती है कि उस दौरान वहां रहकर यह एहसास हुआ कि बहुत अकेलापन है। बच्चे देशभर के अलग-अलग शहरों से आते हैं। पहले तो उनका एंट्रेंस एग्जाम होता है, वो इतना टफ होता है आप उसकी तैयारी में रहते हैं। वहां एजुकेशन का बहुत ही इंफॉर्मल तरीका रहा है।

केवल और केवल पढाई

कोटा में अच्छा रिजल्ट देने के लिए हमेशा बच्चों पर प्रेशर रहता है पढाई के अलावा किसी भी तरह की एक्टीविटी नहीं होने पर बच्चे मानसिक रुप से तनाव महसूस करते है। इसको लेकर हाल ही सरकार के मंत्री प्रताप सिंह की बयान भी सामने आया था।कृतिका ने कोटा में किसी भी तरह की मनोरंजन से जुड़ी गतिविधि नहीं होने की बात भी बोलते हुए कहा कि स्कूल और कॉलेजों की बात करूं, तो वहां पढ़ाई के अलावा बाकि एक्टिविटीज भी होती है… कम्यूनिटी होती है..एक लाइफ होती है… लेकिन कोटा में लाइफ नहीं है।'

कोचिंग में हो जाते है आइसोलेट

कृतिका बताती है कि 'आप उस दुनिया में ही उलझ कर रह गए हैं। परिवार से दूर, दोस्तों से दूर.. आपके पास वक्त नहीं होता है। कॉलेज का माहौल नहीं है, एक कोचिंग सेंटर पर जाकर आप आइसोलेट हो जाते हैं। यह बहुत दुखद है कि हमारे देश की एजुकेशन सिस्टम इस तरह से प्रेशर बनाती है। खासकर वहां तो ब्राइट स्टूडेंट्स जाते हैं, उनका ये हाल देखकर बुरा लगता है।'

कोटा में इस साल 26 स्टूडेंट कर चुके सुसाइड

बता दें कि कोटा में इस साल 26 स्टूडेंट सुसाइड कर चुके है। करीब 6 दिन पहले झारखंड के रांची की रहने वाली छात्रा रिचा सिन्हा (16) ने अपनी जान दे दी। रिचा सिन्हा पांच महीने से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी। वह इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स स्थित हॉस्टल में रह रही थी।

अगस्त में गई 6 स्टूडेंट की जान

कोटा में जनवरी से लेकर अब तक कोटा में 26 स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके है। अगस्त महीने में ही 6 स्टूडेंट की जान गई है। बड़ी बात यह है कि इन 25 में से 8 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें कोचिंग में दाखिला लिए छह महीने भी पूरे नहीं हुए थे। कोटा में औसतन हर महीने तीन छात्र खुदकुशी करते हैं। बता दें कि साल 2022 में 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी। कोटा में साल 2015 से 2019 के बीच कुल 80 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था।

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