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Jaipur: कोटखावदा में फर्जीवाड़े का खेल...40 हजार में बना करोड़ों का मालिक, तहसीलदार ने किया भंडाफोड़

राजधानी की कोटखावदा तहसील में फर्जी रजिस्ट्री बना कर बैंकों से लाखों रुपए का लोन दिलाने का मामला सामने आया है।
10:41 AM Jul 20, 2023 IST | Anil Prajapat
jaipur  कोटखावदा में फर्जीवाड़े का खेल   40 हजार में बना करोड़ों का मालिक  तहसीलदार ने किया भंडाफोड़

Jaipur News: राजधानी की कोटखावदा तहसील में फर्जी रजिस्ट्री बना कर बैंकों से लाखों रुपए का लोन दिलाने का मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक गिरोह ग्रामीणों को बैंक से लोन दिलाने के लिए बाकायदा नकली पट्टे तैयार कर झूठी रजिस्ट्री तैयार कर देता है। रजिस्ट्री के कागज को भी इसी गिरोह से जुड़े लोग बैंकों में व्यवस्था कर पास करवा देते हैं।

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पहली बार में इन कागजों को देखने से यह पता भी नहीं चलता कि ये फर्जी हैं। पट्टे में बाकायदा सरपंच की मुहर भी लगी होती है और रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों की मुहर, फाइल नंबर सब अंकित होता है। यहां तक की सरकार के नाम से रजिस्ट्री के दौरान लिए जाने वाली शुल्क की भी फर्जी रसीद लगी होती है। यह फर्जीवाड़ा सामने आने पर तहसीलदार ने एफआईआर दर्ज करने के लिए मामला पुलिस को सौंप दिया है।

ऐसे आया मामला सामने 

कोटखावदा निवासी रामेश्वर को बैंक से लोन लेना था। बैंक में पूछताछ करने के दौरान वह फर्जी पंजीयन करने वाले गिरोह के संपर्क में आ गया। इन लोगों ने उससे कहा कि वे चालीस हजार रुपए में उसका लोन पास करवा देंगे। इस पर रामेश्वर ने इन लोगों को चालीस हजार रुपए दे दिए। फिर गिरोह के लोगों ने बाकायदा रामेश्वर के नाम से एक जमीन का पट्टा और रजिस्ट्री तैयार कर उसके हस्ताक्षर करवाए और बैंक से लोन दिलवा दिया।

रामेश्वर समय पर अपनी किस्तें में भी चुकाता रहा। बैंक ने उसके अच्छी सिबिल स्कोर को देखते हुए लोन की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव उसको दिया। सहमति मिलने पर जब बैंक ने उपपंजीयक कार्यालय में कागजों के सत्यापन के लिए पत्र लिखा तो सामने आया कि न तो रामेश्वर के नाम से कोई पट्टा जारी किया गया है और ना ही कभी रजिस्ट्री हुई है।

हुबहू रजिस्ट्री... लेकिन तारीख रविवार की

रामेश्वर के कागजों की पंजीयक कार्यालय की तरफ से दस दिन से ज्यादा गहन जांच की गई तो एक-एक परत खुलती गई। जारी पट्टे पर संरपंच के हस्ताक्षर और मुहर भी फर्जी थी। पंजीयक कार्यालय की तरफ कागजों पर लगी मुहर भी असली की तरह ही नजर आई, हालांकि उस पर किए गए हस्ताक्षर संबंधित अधिकारी के नाम से अलग नजर आए और रजिस्ट्री की तारीख भी रविवार की दर्ज थी। अधिकारियों की मानें तो जिस तरह से कागज तैयार किए गए हैं वो किसी संगठित गिरोह का काम दिखाई दे रहा है। इसलिए मामले को पुलिस को सौंपा गया है।

इनका कहना है…

कोटखावदा तहसीलदार सृष्टि जैन ने कहा कि हां, इस तरह का मामला सामने आया है। पुलिस थाने तक लिखित शिकायत पहुंची है। अंदेशा है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा बड़ी संख्या में किया गया है। वहीं, पीड़ित रामेश्वर ने कहा कि मेरे से लोन पास करवाने के लिए चालीस हजार रुपए मांग थे। शंकर को पूरा मामला पता है। वही बता पाएगा। मैं तो ज्यादा समझता नहीं।

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